Ridges in nails: हम अक्सर बड़ी बीमारियों पर ध्यान देते हैं, लेकिन शरीर में होने वाली कुछ छोटी-छोटी समस्याएं भी हमारी सेहत की अहम जानकारी दे सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या है नाखूनों पर लकीरों का बनना। ये लकीरें कई बार टूटे हुए नाखूनों या रंग बदलने जैसी समस्याओं के साथ देखी जा सकती हैं, लेकिन इनके पीछे के कारण और समाधान को लेकर जागरूकता काफी कम है।
नाखूनों पर लकीरें कैसी दिखती हैं
नाखूनों पर ये लकीरें क्यूटिकल से टिप तक लंबवत या क्षैतिज रेखाओं के रूप में नजर आती हैं। ये लकीरें कभी हल्की तो कभी स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। अक्सर इन्हें शरीर में पोषण की कमी से जोड़ा जाता है, लेकिन इसके कई और कारण हो सकते हैं।

नाखूनों पर लकीरें बनने के मुख्य कारण
- डिहाइड्रेशन और रसायनयुक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग
अत्यधिक हैंडवॉश और केमिकल युक्त उत्पाद नाखूनों को रूखा बना देते हैं, जिससे नाखूनों में दरारें और लकीरें बन सकती हैं। - उम्र बढ़ने के साथ केराटिन की कमी
50 वर्ष के बाद शरीर में केराटिन प्रोटीन का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे नाखून कमजोर और लकीरों वाले हो जाते हैं। - आयरन, जिंक और विटामिन B12 की कमी
इन पोषक तत्वों की कमी से नाखूनों में गड़बड़ियां, लकीरें और दरारें आ सकती हैं। - सोरायसिस और नाखून मैट्रिक्स की सूजन
‘जर्नल ऑफ क्यूटेनियस मेडिसिन एंड सर्जरी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सोरायसिस से पीड़ित 78% लोगों में नाखूनों में बदलाव देखा गया है। इसमें लकीरें उभर आना आम है। - ऑटोइम्यून रोग जैसे रुमेटीइड अर्थराइटिस
यह बीमारी जोड़ों को प्रभावित करती है, जिससे नाखूनों में लंबवत लकीरें और टूट-फूट की समस्या हो जाती है।

नाखूनों की सेहत के लिए अपनाएं ये उपाय
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें
आयरन, जिंक, विटामिन B12 और प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें। प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें और समय पर भोजन करें। - डिहाइड्रेशन से बचें
दिन भर पर्याप्त पानी पिएं और नाखूनों को मॉइस्चराइज करने के लिए क्रीम या नेल ऑयल का इस्तेमाल करें। - रसायनयुक्त नेल प्रोडक्ट्स से दूरी बनाएं
फॉर्मेल्डिहाइड और टोल्यूनि युक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग न करें। नाखूनों को नियमित रूप से काटें और फाइल करें। - बीमारियों की जांच कराएं
यदि नाखूनों में लगातार बदलाव नजर आएं, तो डायबिटीज, गठिया या सोरायसिस जैसी बीमारियों की जांच कराएं और समय रहते इलाज लें।

नाखूनों की लकीरें सिर्फ बाहरी सौंदर्य की समस्या नहीं हैं, बल्कि यह आपके शरीर की भीतरी स्थिति का संकेत भी हो सकती हैं। यदि आप समय रहते सही खानपान, स्किन केयर और हेल्थ चेकअप पर ध्यान दें, तो इन समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है।