नई दिल्ली : जहां एक ओर पाकिस्तान इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की मदद से अपनी लड़खड़ाती इकोनॉमी को संभालने की कोशिश कर रहा है, वहीं भारत ने अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के दम पर एक बड़ी आर्थिक उपलब्धि हासिल की है। खबर है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस साल केंद्र सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड ट्रांसफर कर सकता है। यह रकम पाकिस्तान को IMF से मिले लोन की तुलना में कई गुना अधिक है।
भारत की आत्मनिर्भरता, पाकिस्तान की लाचारी
पाकिस्तान ने हाल ही में IMF से 1.4 अरब डॉलर (करीब 12 हजार करोड़ रुपये) का लोन हासिल किया है, जो कुल 7 अरब डॉलर के प्रोग्राम का हिस्सा है। यह आर्थिक मदद उसे कई शर्तों और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद मिली है। इसके बावजूद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में कोई बड़ा सुधार होता नहीं दिख रहा है।

वहीं भारत की स्थिति बिल्कुल अलग है। भारत का केंद्रीय बैंक RBI हर साल अपनी सरप्लस इनकम से केंद्र सरकार को डिविडेंड ट्रांसफर करता है। इस साल ये रकम रिकॉर्ड 3.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। यह इनकम RBI को निवेश, विदेशी मुद्रा भंडार और अन्य फाइनेंशियल गतिविधियों से होती है।
सरकार को मिलेगा आर्थिक बल
इकोनॉमिस्ट्स के अनुसार, यह डिविडेंड सरकार को टैक्स कलेक्शन में आई गिरावट और स्लो इकोनॉमिक ग्रोथ से हुए नुकसान की भरपाई में मदद करेगा। साथ ही, यह फंड आपातकालीन खर्चों को संभालने में भी उपयोगी साबित होगा।