नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष इतिहास में 25 जून 2025 को एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया, जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सीधी वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत की। यह न केवल एक तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि भारत की वैज्ञानिक प्रगति, अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी, और राष्ट्र की सामूहिक आकांक्षाओं का प्रतीक भी बन गया।
“यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे देश की यात्रा है” – ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
बातचीत के दौरान ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla ने कहा: “मैं अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। यह यात्रा सिर्फ मेरी नहीं, पूरा देश इसमें शामिल है।”
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने गाजर का हलुआ और आमरस जैसे पारंपरिक भारतीय व्यंजन अपने साथ अंतरिक्ष में लेकर गए हैं, जो भारत की संस्कृति और स्वाद को वहां भी जीवित रखते हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई, जताया गर्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर इस संवाद की झलक साझा करते हुए ग्रुप कैप्टन के साहस, समर्पण और वैज्ञानिक नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने लिखा कि शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में 1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदें और सपने लेकर गए हैं।
41 साल बाद, अंतरिक्ष में फिर भारतीय झंडा
ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla, राकेश शर्मा के बाद 41 वर्षों में अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और पहले वायुसेना अधिकारी बन गए हैं। यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और युवाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरा है।
Axiom-4 मिशन: NASA और ISRO की साझेदारी
Shubhanshu Shukla Axiom-4 मिशन का हिस्सा हैं, जो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और ISRO के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
- 25 जून को स्पेसX के ड्रैगन कैप्सूल से रवाना हुए।
- मिशन की अवधि: दो सप्ताह
- कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग, जिनमें से 7 का नेतृत्व शुभांशु शुक्ला करेंगे।
भारत का बढ़ता वैज्ञानिक नेतृत्व
ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla ने अंतरिक्ष से यह संदेश दिया कि भारत अब न केवल तकनीकी रूप से सक्षम है, बल्कि वैश्विक नेतृत्व के लिए भी तैयार है।