छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया ने वनांचल के गांवों में शिक्षा का उजियारा फैला दिया है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के दूरस्थ और पहुंचविहीन गांवों के स्कूलों में वर्षों बाद स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति से ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
हाईस्कूल बड़गांवखुर्द में नियुक्त हुए दो व्याख्याता
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र स्थित हाईस्कूल बड़गांवखुर्द में पहले कोई स्थायी शिक्षक नहीं था, केवल एक अतिथि शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहा था। लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत अब हिंदी और गणित विषय के दो व्याख्याता पदस्थापित हुए हैं, जिससे ग्रामीणों में पढ़ाई को लेकर नया उत्साह है।
ढाब गांव में शिक्षा को मिला नया सहारा
विकासखंड भरतपुर के ग्राम ढाब की प्राथमिक शाला में अब तक केवल एक शिक्षक कार्यरत थे, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अब यहां एक सहायक शिक्षक की नियुक्ति होने से बच्चों की पढ़ाई में नई जान आ गई है। सरपंच और अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
खोखनिया गांव में पूरी हुई वर्षों की मांग
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के भीतर बसे खोखनिया गांव के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में लंबे समय से शिक्षक की कमी थी। यहां 87 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन शिक्षक नहीं थे। अब युक्तियुक्तकरण के तहत प्राथमिक शाला में एक और माध्यमिक शाला में दो शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों की शिक्षा में बड़ा सुधार होगा।
देवशील में शिक्षकों की नियुक्ति से ग्रामीणों में प्रसन्नता
देवशील गांव की प्राथमिक शाला में 57 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन वहां केवल एक शिक्षक कार्यरत थे। अब एक और शिक्षक की नियुक्ति से बच्चों की पढ़ाई को गति मिलेगी। ग्रामीणों ने इस निर्णय पर खुशी जताई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षा की पहुंच अंतिम गांव तक पहुंचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से हमने उन स्कूलों में शिक्षक भेजे हैं जहां सबसे ज्यादा ज़रूरत थी। ग्रामीणों की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।