राज्य में रजिस्ट्री नियमों में ऐतिहासिक बदलाव: अब घर बैठे मिलेगी संपत्ति पंजीयन की सुविधा
छत्तीसगढ़ मे राज्य सरकार द्वारा संपत्ति पंजीयन प्रक्रिया में पारदर्शिता, सुरक्षा और नागरिक सुविधा को प्राथमिकता देते हुए रजिस्ट्री के नियमों में दस क्रांतिकारी बदलाव लागू किए गए हैं। इन बदलावों को लेकर आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने विस्तार से जानकारी दी।
राजस्व मंत्री ने इन सुधारों को “ऐतिहासिक और समय की जरूरत” बताते हुए कहा कि अब किसी और की जगह पर खड़े होकर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराना असंभव होगा। बंधक संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगेगी और आधार आधारित बायोमैट्रिक सत्यापन से पहचान की पुष्टि होगी।
नए नियमों से जुड़ी 10 प्रमुख क्रांतिकारी सुविधाएं:
- आधार आधारित सत्यापन:
रजिस्ट्री के समय क्रेता-विक्रेता की पहचान अब आधार नंबर और बायोमैट्रिक के ज़रिए होगी, जिससे फर्जी रजिस्ट्री पर पूर्ण विराम लगेगा। - पूर्व रजिस्ट्री जानकारी की ऑनलाइन सुविधा:
अब केवल खसरा नंबर डालकर किसी संपत्ति की पहले की रजिस्ट्री देखी जा सकेगी और दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकेंगे। - ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र:
संपत्ति पर कोई ऋण, बंधक या विक्रय की स्थिति ऑनलाइन प्रमाण-पत्र के जरिए पता चल सकेगी। यह बैंक लोन व सरकारी प्रक्रिया के लिए आवश्यक होगा। - कैशलेस भुगतान प्रणाली:
अब स्टाम्प और पंजीयन शुल्क एक साथ UPI, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन भरे जा सकेंगे। - व्हाट्सऐप सूचना और फीडबैक सेवा:
रजिस्ट्री की स्थिति, कॉपी, अपॉइंटमेंट, शिकायत और फीडबैक अब व्हाट्सऐप पर भी संभव होगी। - डिजीलॉकर सेवाएं:
पंजीकृत दस्तावेज डिजिटल रूप में डिजीलॉकर में संरक्षित रहेंगे जिन्हें कभी भी डाउनलोड किया जा सकता है। - डिजी डॉक सुविधा:
पक्षकार अब रजिस्ट्री दस्तावेज स्वयं बना सकेंगे। डिजीडॉक सेवा के माध्यम से रेंट एग्रीमेंट, शपथ पत्र, अनुबंध जैसे दस्तावेज भी घर बैठे तैयार किए जा सकते हैं। - होम विजिट सेवा:
पंजीयन के लिए अब घर पर ही प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। यह सुविधा अभी 10 प्रकार के दस्तावेजों के लिए शुरू की गई है। - स्वतः नामांतरण सुविधा:
रजिस्ट्री पूर्ण होते ही स्वतः नामांतरण हो जाएगा। इसके लिए अलग आवेदन या शुल्क की आवश्यकता नहीं होगी। - सस्ती और तेज पंजीयन प्रक्रिया:
पारिवारिक दान, हक त्याग जैसे मामलों में पंजीयन मात्र ₹500 में और तत्काल अपॉइंटमेंट की सुविधा दी गई है।
राजस्व मंत्री ने दी डिजिटलीकरण और सुधार की जानकारी
श्री वर्मा ने बताया कि राज्य में जियो रिफ्रेंसिंग का कार्य तेज़ी से जारी है जिससे भूमि विवादों की समस्या समाप्त होगी। इसके अलावा अब त्रुटि सुधार का अधिकार तहसीलदारों को सौंपा गया है। साथ ही, किसी सरकारी परियोजना के प्रस्तावित होते ही उस क्षेत्र में सीमांकन, बटांकन और खरीद-बिक्री पर रोक लगाई जाएगी।
कार्यशाला में उपस्थित रहे ये प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारी:
इस कार्यशाला में धमतरी विधायक श्री ओंकार साहू, महापौर रामू रोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष नेहरू निषाद, कलेक्टर अविनाश मिश्रा, एसपी सूरज सिंह परिहार, पूर्व विधायक इंदरचंद चोपड़ा, रंजना साहू, वरिष्ठ अधिकारीगण, पत्रकार और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
नए नियमों से आमजन को होंगे ये मुख्य लाभ:
- फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश
- ऋण या बंधक संपत्ति की पूर्व जानकारी
- कैशलेस और पारदर्शी प्रक्रिया
- नामांतरण की स्वतः सुविधा
- घर बैठे दस्तावेज निर्माण व पंजीयन
राजस्व मंत्री ने जोर देकर कहा कि ये सुधार केवल नियम नहीं, बल्कि आमजन की सुविधा और अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम हैं। इससे राज्य में भूमि पंजीयन व्यवस्था अधिक पारदर्शी, आधुनिक और भ्रष्टाचार-मुक्त बन सकेगी।