छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के सरोदा बांध में मछुआरों को एक विशालकाय मछली मिलने का मामला सामने आया है। सोमवार को नेताजी मछुआरा समिति के मछुआरों ने अपनी जाल में लगभग 65 किलो वजन और 6 फीट लंबाई की मछली पकड़ी। इस मछली को निकालने में मछुआरों को भारी मेहनत करनी पड़ी।
कैसे पकड़ी गई मछली?
सोमवार सुबह, मछुआरों ने रोज़ाना की तरह मछली पकड़ने के लिए जाल डाला। जब जाल भारी लगा, तो उन्होंने इसे खींचने के लिए और मछुआरों को बुलाया। जाल को पानी से बाहर खींचते ही मछुआरे हैरान रह गए, क्योंकि उसमें एक विशाल मछली फंसी हुई थी। इस काम में तीन मछुआरों ने मिलकर मछली को बाहर निकाला।
मछली पालन और रोजगार का माध्यम
मछली पालन विभाग के सहायक संचालक आरडी सिंह ने बताया कि सरोदा बांध राज्य सरकार के मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन के लिए लीज पर दिया गया है। स्थानीय मछुआरा समितियों जैसे नेताजी मछुआरा समिति, श्रीराम मछुआ सहकारी समिति, और केंवट मछुआरा समिति को इस जलाशय में मछली पालन का अधिकार दिया गया है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं।
विशाल मछलियों का इतिहास
इससे पहले भी सरोदा बांध में बड़ी मछलियां पकड़ी गई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समय पहले यहां 80 किलो वजनी मछली भी पकड़ी गई थी। यह घटना स्थानीय मछुआरों और पर्यावरण प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।
सरोदा बांध का महत्व
सरोदा बांध न केवल मछली पालन के लिए जाना जाता है, बल्कि यह जल संरक्षण और सिंचाई के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहां मछलियों की बढ़ती संख्या मछुआरों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत है।
इस विशाल मछली की खबर सुनते ही आसपास के ग्रामीण और मछुआरे इसे देखने के लिए सरोदा बांध पर पहुंचे। इस तरह की घटनाएं स्थानीय समुदायों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती हैं और जलाशयों के महत्व को भी दर्शाती हैं।