रायपुर |छत्तीसगढ़ में जारी सघन एंटी-नक्सल ऑपरेशन के बीच नक्सलियों ने एक बार फिर शांति वार्ता की पेशकश की है। नक्सलियों के केंद्रीय प्रवक्ता ‘अभय’ ने प्रेस नोट जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सीधे संवाद की मांग की है।
अभय ने पत्र में लिखा कि निरंतर सुरक्षा अभियान के चलते नक्सली केंद्रीय कमेटी के सदस्य एक स्थान पर बैठक नहीं कर पा रहे हैं, जिससे शांति वार्ता की दिशा में स्पष्ट पहल संभव नहीं हो पा रही। उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार इस वार्ता के लिए तैयार है, और आग्रह किया कि केंद्र सरकार स्पष्ट रुख सामने लाए।
प्रेस नोट में तेलंगाना सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया की सराहना की गई, लेकिन केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताया गया। अभय ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार युद्धविराम के बिना माओवादियों से हथियार छोड़ने की शर्त पर ही बातचीत चाहती है, जबकि पहले बिना शर्त वार्ता की बात कही गई थी।
नक्सली प्रवक्ता ने यह भी कहा कि उनका आंदोलन केवल छत्तीसगढ़ या तेलंगाना तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के 16 राज्यों में सक्रिय है। ऐसे में वार्ता पर अंतिम निर्णय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया से ही संभव होगा।
प्रेस नोट में अतीत का हवाला देते हुए कहा गया कि 2004 और 2010 में भी वार्ता की पहल हुई थी, लेकिन सरकारों के ‘एकतरफा रवैये’ के कारण शांति प्रक्रिया बीच में टूट गई। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 2002 से लगातार वार्ता की पक्षधर रही है और अब भी इसके लिए तैयार है, बशर्ते केंद्र सरकार गंभीरता दिखाए।