नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कनाडा के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री मार्क जे. कार्नी और उनकी लिबरल पार्टी को चुनाव में मिली सफलता पर शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए एक पोस्ट में भारत-कनाडा के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता, और दोनों देशों के नागरिकों के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित किया।
मोदी ने लिखा कि वह भारत-कनाडा साझेदारी को और अधिक सशक्त करने तथा दोनों देशों के नागरिकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने इस संदेश को भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया।

शुरुआती चुनावी रुझानों में कार्नी को बढ़त
कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (CBC) की रिपोर्ट के अनुसार, चुनावी रुझानों में मार्क जे. कार्नी की जीत तय मानी जा रही है, हालांकि लिबरल पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। इसके बावजूद उनकी बढ़त से कनाडा के राजनीतिक परिदृश्य में संभावित बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय: रिश्तों में नई दिशा
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि मार्क कार्नी के नेतृत्व में भारत और कनाडा के संबंधों में नई ऊर्जा और सकारात्मक दिशा आ सकती है। पहले से ही व्यापार, उच्च शिक्षा, संस्कृति और आपसी सहयोग के क्षेत्रों में मजबूत आधार मौजूद है, जिसे आगे और सुदृढ़ किया जा सकता है।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा को अमेरिका में विलय की धमकी और व्यापार युद्ध जैसे मुद्दों ने चुनावी माहौल को प्रभावित किया और लिबरल पार्टी को अप्रत्याशित रूप से लाभ मिला।
भारत पर मार्क कार्नी की सोच: सम्मान और सुधार की अपील
चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में, एक रैली के दौरान मीडिया से बातचीत में कार्नी ने भारत-कनाडा संबंधों को लेकर अपनी सोच स्पष्ट की। उन्होंने कहा “रिश्तों में तनाव जरूर है, लेकिन उसकी वजह कनाडा नहीं है। दोनों देशों को आपसी सम्मान बनाए रखते हुए सुधार की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और कनाडा के बीच केवल राजनयिक या व्यापारिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत, सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरे संबंध हैं। वैश्विक अस्थिरता के वर्तमान दौर में, भारत और कनाडा जैसे देशों की भूमिका वैश्विक स्थिरता और आर्थिक पुनर्निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है।
द्विपक्षीय संबंधों में नया मोड़ संभव
प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाओं और मार्क कार्नी के भारत को लेकर दिए गए सकारात्मक संकेतों से स्पष्ट है कि दोनों देश अपने संबंधों को नए सिरे से मजबूत करने की दिशा में बढ़ सकते हैं। अब देखना होगा कि आने वाले समय में यह कूटनीतिक सद्भाव व्यावहारिक सहयोग और समझौतों में कैसे परिवर्तित होता है।
