स्वामी विवेकानंद जयंती हर वर्ष 12 जनवरी को मनाई जाती है। यह दिन स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय संस्कृति और युवाओं को प्रेरणा देने वाले महान संत और विचारक थे। इस दिन को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद का परिचय
- जन्म: 12 जनवरी 1863, कोलकाता
- मूल नाम: नरेंद्रनाथ दत्त
- पिता: विश्वनाथ दत्त (एक वकील)
- माता: भुवनेश्वरी देवी (धार्मिक विचारों वाली महिला)
- गुरु: रामकृष्ण परमहंस
- मृत्यु: 4 जुलाई 1902, बेलूर मठ, पश्चिम बंगाल
स्वामी विवेकानंद ने वेदांत, योग और भारतीय संस्कृति को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य समाज की सेवा और आध्यात्मिक जागृति को बताया।
स्वामी विवेकानंद का योगदान
- भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रचार-प्रसार:
स्वामी विवेकानंद ने भारत की प्राचीन संस्कृति और धर्म को पश्चिमी देशों में प्रस्तुत किया। उन्होंने 1893 में शिकागो (अमेरिका) में विश्व धर्म महासभा में अपने ऐतिहासिक भाषण की शुरुआत “Sisters and Brothers of America” कहकर की, जो आज भी प्रेरणादायक माना जाता है। - रामकृष्ण मिशन की स्थापना:
1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबों की सेवा और आध्यात्मिक उत्थान है। - युवाओं के लिए प्रेरणा:
स्वामी विवेकानंद युवाओं को आत्मविश्वास और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने कहा:- “उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
- “एक विचार को अपनी ज़िंदगी बना लो, उसी के बारे में सोचो, उसी का सपना देखो और उसी पर काम करो।”
- योग और वेदांत का प्रचार:
उन्होंने पश्चिमी देशों में योग और वेदांत के सिद्धांतों का प्रचार किया, जिससे भारतीय आध्यात्मिकता को वैश्विक पहचान मिली। - शिक्षा का महत्व:
स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा को समाज के उत्थान का महत्वपूर्ण माध्यम माना। उनका कहना था कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाना और समाज की सेवा करना है।
स्वामी विवेकानंद के प्रमुख विचार
- “तुम्हें अंदर से बाहर की ओर विकसित होना है। कोई तुम्हें सिखा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के भीतर सब कुछ है।”
- “एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो।”
- “डरो मत। भय ही पतन का मुख्य कारण है।”
- “हर आत्मा ईश्वर से जुड़ी है। हर आत्मा अनंत संभावनाओं से भरी है।”
राष्ट्रीय युवा दिवस (Youth Day)
भारत सरकार ने 1984 में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिन युवाओं को उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरित किया जाता है।
स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी जीवन के हर क्षेत्र में प्रेरणा देती हैं। वे न केवल भारत के, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श और प्रेरणास्रोत हैं।