नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 11 जून को अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर उड़ान भरने जा रहे हैं। Axiom Mission 4 (Ax-4) के प्राइम पायलट के रूप में वह इतिहास रचने वाले पहले भारतीय बनेंगे, जो इस मिशन के तहत ISS तक पहुंचेंगे।
SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट भारतीय समयानुसार शाम 5.30 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। इस मिशन में शुक्ला के साथ NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोस उज़्नांस्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु शामिल होंगे। मिशन करीब 14 दिनों तक ISS पर रहेगा, जहां वैज्ञानिक प्रयोगों और शैक्षिक कार्यक्रमों को अंजाम दिया जाएगा।
शुभांशु शुक्ला का सफर
10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई की और कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर NDA परीक्षा पास की। 2005 में उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से B.Sc. (कंप्यूटर साइंस) और बाद में IISc बैंगलोर से M.Tech. (एयरोस्पेस इंजीनियरिंग) किया।
भारतीय वायुसेना में योगदान
2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिलने के बाद शुक्ला ने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29 समेत कई लड़ाकू विमानों पर 2000 से ज्यादा घंटे की उड़ान भरी। 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया।
अंतरिक्ष यात्री बनने का सफर
2019 में ISRO ने गगनयान मिशन के लिए उन्हें चुना। रूस में यूरी गगारिन ट्रेनिंग सेंटर और फिर भारत में ISRO Astronaut Training Facility में प्रशिक्षण पूरा किया। इसके बाद NASA, ESA और JAXA के साथ भी उन्होंने प्रशिक्षण लिया।
मिशन के खास प्रयोग
शुक्ला इस मिशन के दौरान माइक्रोग्रैविटी में 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, जिसमें कृषि, खाद्य विज्ञान, मानव जीव विज्ञान और योग से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। वह ISS पर भारतीय संस्कृति को भी प्रदर्शित करेंगे।
भारत के लिए ऐतिहासिक कदम
राकेश शर्मा के बाद, 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम (2026) के लिए अनुभव जुटाने में मदद करेगा। इस मिशन की लागत करीब 550 करोड़ रुपये है।
परिवार और निजी जीवन
शुक्ला की पत्नी डॉ. कामना डेंटिस्ट हैं और उनका एक चार साल का बेटा है। उनके पिता शंभु दयाल शुक्ला सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी और मां आशा शुक्ला गृहिणी हैं।