ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का लिया बदला, पाकिस्तान-POK में 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह
नई दिल्ली। भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले का मुँहतोड़ जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को एक ही रात में तबाह कर दिया। इस सर्जिकल एयरस्ट्राइक में 90 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं।
इस अभूतपूर्व ऑपरेशन को अंजाम देने में महज 25 मिनट लगे, और इसे भारतीय वायुसेना के जांबाज़ जवानों ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर पूरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्रवाई को “देश की शान और आत्मसम्मान का प्रतीक” बताया है। गुरुवार को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है।
खुफिया जानकारी पर आधारित था ‘ऑपरेशन सिंदूर’
यह ऑपरेशन भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा मिली सटीक जानकारियों पर आधारित था। इन ठिकानों का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान की सेना और ISI की मदद से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते थे। इन संगठनों को ट्रेनिंग, हथियार और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दिया जा रहा था।
अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए ये आतंकी संगठन अब The Resistance Front (TRF), People’s Anti-Fascist Front (PAFF) और Kashmir Tigers जैसे नामों से काम कर रहे थे।
9 आतंकी ठिकाने जो बने भारत के निशाने
- मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर
- जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय
- 2019 के पुलवामा हमले की योजना यहीं बनी थी
- मसूद अजहर और उसका भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ यहीं रहते थे
- मरकज तैयबा, मुरीदके
- लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग कैंप
- 26/11 मुंबई हमले के आतंकी यहीं से प्रशिक्षित हुए थे
- सरजाल/तेहरा कलां, नरोवाल
- जैश का लॉन्चिंग पैड
- जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ, ड्रोन संचालन और सुरंग निर्माण के लिए इस्तेमाल होता था
- महमूना जोया सेंटर, सियालकोट
- हिजबुल मुजाहिद्दीन का हथियार ट्रेनिंग सेंटर
- मोहम्मद इरफान खान के नेतृत्व में 20-25 आतंकी यहां मौजूद रहते थे
- मरकज अहले हदीस, बरनाला
- लश्कर का पुंछ-राजौरी में स्टेजिंग पॉइंट
- 100-150 आतंकी नियमित रूप से मौजूद
- मरकज अब्बास, कोटली
- जैश का पुंछ-राजौरी से जुड़ा घुसपैठ केंद्र
- हाफिज अब्दुल शकूर इसका संचालन करता था
- मस्कर राहील शाहिद, कोटली
- हिजबुल का स्नाइपिंग और पहाड़ी युद्ध प्रशिक्षण केंद्र
- 150-200 आतंकी रहते थे यहां
- शावाई नाल्लाह कैंप, मुजफ्फराबाद
- लश्कर का धार्मिक और युद्ध प्रशिक्षण कैंप
- 26/11 के हमलावरों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी
- मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद
- जैश का अंतिम लॉन्चिंग ठिकाना
- पाकिस्तानी सेना के कमांडो यहां ट्रेनिंग देते थे
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “यह केवल बदला नहीं, बल्कि यह संदेश है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। आतंक का जवाब अब आतंक के गढ़ में घुसकर दिया जाएगा।” उन्होंने इस अभियान को “भारत की रणनीतिक क्षमता और साहस का परिचायक” बताया।