प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 29 दिसंबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड में देशवासियों से संवाद किया। यह 2024 का आखिरी एपिसोड था। प्रधानमंत्री ने संविधान की महत्ता पर जोर देते हुए इसे देश का मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा, “संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है और यह हमारे लिए गाइडिंग लाइट की तरह है।” साथ ही, उन्होंने 2025 में गणतंत्र दिवस पर संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे होने पर गौरव व्यक्त किया।
महाकुंभ 2025: एकता और भव्यता का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने इसे “एकता का महाकुंभ” करार देते हुए समाज में विभाजन और नफरत की भावनाओं को समाप्त करने का आह्वान किया। महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से इस आयोजन में भाग लेने और इसे एकता का संदेश देने वाला पर्व बनाने की अपील की।
महाकुंभ 2025 में एआई चैटबॉट का उपयोग
महाकुंभ 2025 में तकनीक और डिजिटल सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस बार पहली बार एआई चैटबॉट (AI Chatbot) का उपयोग किया जाएगा। यह चैटबॉट 11 भारतीय भाषाओं में श्रद्धालुओं को कुंभ से जुड़ी सभी जानकारियां, जैसे टूर पैकेज, आवास, होमस्टे और अन्य सेवाएं, मोबाइल पर उपलब्ध कराएगा।
डिजिटल नेविगेशन और खोया-पाया केंद्र
महाकुंभ 2025 को डिजिटल अनुभव से लैस करने के लिए कई तकनीकी उपाय किए गए हैं:
- डिजिटल नेविगेशन सिस्टम: श्रद्धालुओं को घाटों, मंदिरों और पार्किंग स्थलों तक पहुंचने में मदद करेगा।
- एआई संचालित कैमरे: मेले क्षेत्र में लगाए जाएंगे, जो खोए हुए परिजनों को खोजने में मदद करेंगे।
- डिजिटल खोया-पाया केंद्र: खोए हुए श्रद्धालुओं को खोजने के लिए केंद्र बनाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन नवाचारों से महाकुंभ को आधुनिक तकनीक और परंपरा का संगम बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने देशवासियों को इस महाआयोजन का हिस्सा बनने और इसे सफल बनाने की अपील की।