निलंबित आईएएस सौम्या चौरसिया को कोर्ट से मिली जमानत, लेकिन जेल से रिहाई नहीं – जानें पूरा मामला
छत्तीसगढ़ की चर्चित आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया को रायपुर की विशेष अदालत से बड़ी राहत मिली है। आय से अधिक संपत्ति (डिसप्रोपोर्शनल एसेट्स) के मामले में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। यह जमानत इसलिए संभव हुई क्योंकि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की।
क्या है मामला?
सौम्या चौरसिया पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। इस मामले में 7 जुलाई 2024 को केस दर्ज किया गया था। भारतीय कानून के तहत, गिरफ्तारी के बाद 60 दिनों के भीतर जांच एजेंसी को चार्जशीट दाखिल करनी होती है। एसीबी इस समय सीमा के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में विफल रही, जिसके चलते अदालत ने उन्हें जमानत दी।
जमानत के बावजूद जेल से रिहाई क्यों नहीं?
भले ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में जमानत मिली हो, लेकिन सौम्या चौरसिया को जेल से रिहाई नहीं मिलेगी। कोल लेवी घोटाले में उनके खिलाफ पहले से दर्ज मामले में वह अब भी जेल में बंद हैं। इस घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है।
कोल लेवी घोटाला – क्या है सौम्या का कनेक्शन?
सौम्या चौरसिया का नाम छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल लेवी घोटाले में सामने आया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने राज्य में कोयला खदानों से अवैध उगाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मामले में उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन अन्य मामलों में जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी है।
ACB की लापरवाही पर उठ रहे सवाल
आय से अधिक संपत्ति के मामले में समय पर चार्जशीट दाखिल न कर पाने के कारण ACB की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यह जांच एजेंसी की चूक थी, या किसी रणनीति का हिस्सा?
सौम्या चौरसिया का प्रोफाइल
सौम्या चौरसिया छत्तीसगढ़ में एक प्रभावशाली आईएएस अधिकारी के तौर पर जानी जाती हैं। उनकी गिनती राज्य के शक्तिशाली अधिकारियों में होती रही है। लेकिन कोल लेवी घोटाले और आय से अधिक संपत्ति के मामलों ने उनकी प्रतिष्ठा को गहरा धक्का पहुंचाया है।
आगे क्या?
सौम्या चौरसिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन कोल लेवी घोटाले और अन्य मामलों में उन्हें अभी लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
(समाचार स्रोत: नवभारत टाइम्स, एनपीजी न्यूज)