साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो: छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने पर्यटन स्थलों के प्रमोशन के लिए बनाया विशेष स्टॉल
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो (SATTE 2025) में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। इस प्रतिष्ठित पर्यटन मेले में छत्तीसगढ़ के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष स्टॉल लगाया गया है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
SATTE 2025 एशिया का सबसे बड़ा ट्रैवल और टूरिज्म एक्सपो माना जाता है, जहां विभिन्न देशों और राज्यों के पर्यटन विभाग, ट्रैवल एजेंसियां और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपने स्टॉल के माध्यम से राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों, वन्यजीव अभयारण्यों, धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासत को प्रमोट करने की पहल की है।
क्या है खास इस स्टॉल में?
- प्राकृतिक पर्यटन: चित्रकूट जलप्रपात, तीरथगढ़, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जैसे स्थलों का प्रमोशन।
- सांस्कृतिक धरोहर: सिरपुर, बारनवापारा, रतनपुर और अन्य ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी।
- धार्मिक पर्यटन: डोंगरगढ़, मां बम्लेश्वरी मंदिर, राजीव लोचन मंदिर और जैन तीर्थस्थलों को प्रमोट किया जा रहा है।
- एडवेंचर टूरिज्म: ट्रेकिंग, वाइल्डलाइफ सफारी और वाटरफॉल पर्यटन को लेकर विशेष जानकारी दी जा रही है।
पर्यटन को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यह एक्सपो राज्य में पर्यटन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का बड़ा मंच साबित होगा। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्टॉल पर डिजिटल प्रेजेंटेशन और प्रचार सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है।
SATTE 2025 में भागीदारी के जरिए छत्तीसगढ़ को “हिडन टूरिज्म जेम” के रूप में स्थापित करने की योजना है। टूरिज्म बोर्ड का उद्देश्य राज्य के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है और निवेशकों को आकर्षित करना है।