बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरुर स्थित देशी-विदेशी शराब दुकान में चल रही मिलावटखोरी और अवैध वसूली का बड़ा खुलासा हुआ है। दुर्ग संभागीय उड़नदस्ता टीम ने सोमवार को दुकान पर औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की, जहां कई गड़बड़ियों का भंडाफोड़ हुआ।
जांच के दौरान दुकान में मौजूद आफ्टर डार्क लक्ज़री व्हिस्की”की कई बोतलों के होलोग्राम क्षतिग्रस्त मिले, वहीं ढक्कन भी ढीले पाए गए। टीम ने 10 पेटियों में से 12 बोतलों की थर्मामीटर और हाइड्रोमीटर से जांच की, जिसमें स्पष्ट रूप से मिलावट की पुष्टि हुई।
कर्मचारियों ने किया बड़ा खुलासा
इस कार्रवाई के बाद दुकान के कर्मचारियों ने जो बयान दिए, उसने पूरे शराब तंत्र की सच्चाई उजागर कर दी। कर्मचारियों के मुताबिक, प्रदीप सिंह जो कि प्लेसमेंट कंपनी का इंचार्ज है, हर महीने रकम वसूलने का दबाव बनाता था। पैसे नहीं देने पर कर्मचारियों को अपने वेतन से पैसे भरने की धमकी दी जाती थी।
कर्मचारियों ने आगे बताया कि भूपेन्द्र देशमुख, जो जिले का इंचार्ज है, हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच हर दुकान से वसूली करता है और यह रकम सीधे प्रदीप सिंह तक पहुंचाई जाती है।
क्या जिम्मेदार अधिकारी बच निकलेंगे?
इस पूरे मामले में अब सबसे बड़ा सवाल यही है क्या कार्रवाई केवल निचले स्तर के कर्मचारियों पर सीमित रहेगी या वसूली में शामिल बड़े अफसरों तक जांच पहुंचेगी?
जिस तरह से प्रदीप सिंह और भूपेन्द्र देशमुख जैसे नाम सामने आ रहे हैं, उससे साफ है कि यह एक संगठित रैकेट है जो लंबे समय से शराब दुकान के संचालन की आड़ में काला कारोबार चला रहा था।
यह घटना केवल एक दुकान की नहीं, बल्कि पूरे जिले में चल रही अवैध शराब माफिया की पोल खोलने वाली है। प्रशासनिक चुप्पी और मिलीभगत की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। अब जनता की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या सरकार और जांच एजेंसियां इस गहरी साजिश की जड़ों तक पहुंचेंगी या फिर हमेशा की तरह यह मामला भी सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाएगा?