नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाए गए भारी टैरिफ के बाद, अब चीन पर इसका असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। कई बड़ी कंपनियां टैरिफ से बचने के लिए अपना प्रोडक्शन चीन से अन्य देशों में शिफ्ट कर रही हैं। इसी बीच, खबर आ रही है कि आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल भी चीन से अपना प्रोडक्शन हटाकर भारत लाने पर विचार कर रही है।
भारत में आईफोन का प्रोडक्शन बढ़ेगा
वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सालाना 40 से 43 मिलियन आईफोन का प्रोडक्शन होता है, जिसमें से लगभग 80 प्रतिशत एक्सपोर्ट किए जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2026 तक प्रोडक्शन 70 से 80 मिलियन यूनिट तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही भारत, अमेरिका के लिए आईफोन का प्रमुख सप्लायर भी बन सकता है। एप्पल भारत में फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर आईफोन का निर्माण कर रहा है।

टाटा ग्रुप की नई साझेदारी
टाटा ग्रुप ने ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन को अक्वायर किया है और इसके बाद पेगाट्रॉन इंडिया में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगले 18 महीनों में भारत ग्लोबल आईफोन सेल्स का लगभग 40 प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग कर सकता है, जो कि वर्तमान में 18 से 20 प्रतिशत के आसपास है।

प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सहयोग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करने के लिए इन कंपनियों का सहयोग करने की योजना बनाई है। आईडीसी इंडिया के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट नवकेंद्र सिंह ने कहा, “हमारे अनुमान के अनुसार, भारत में आईफोन का प्रोडक्शन 40-43 मिलियन यूनिट तक पहुंच चुका है, जो 2024 में ग्लोबल शिपमेंट का 17 से 20 प्रतिशत होगा।”
दोगुना प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का विस्तार
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में आईफोन का प्रोडक्शन दोगुना करने के लिए हर साल लगभग 70 से 80 मिलियन यूनिट का प्रोडक्शन करना होगा। इससे भारत में मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विस्तार को भी मजबूती मिलेगी। एप्पल के सप्लायर्स ने वित्त वर्ष 2025 में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का आईफोन एक्सपोर्ट किया, जो कि वित्त वर्ष 2024 में किए गए 85,000 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट से अधिक है।