नगर सुराज संगम कार्यशाला में नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को मिला प्रशिक्षण, मिला विकास का रोडमैप
रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने सोमवार को राजधानी रायपुर में “नगर सुराज संगम” नामक दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम-सह-कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, वरिष्ठ अभियंता शामिल हुए और अपने-अपने निकायों के विकास की कार्ययोजना पर गहन विचार-विमर्श किया।
साव ने अपने संबोधन में कहा, “आपके शहर ने आपको बहुत कुछ दिया है – मान-सम्मान, संस्कार, पहचान। अब शहर को लौटाने की बारी आपकी है।” उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों को शहरों के सुनियोजित, स्वच्छ, सुंदर और सुविधायुक्त विकास का संकल्प लेने का आह्वान किया।
कार्यशाला में उप मुख्यमंत्री ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से देश-विदेश में स्थानीय शासन के नवाचारों की जानकारी दी और शहरी विकास की दिशा में बेहतर योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि “शहरों से ही प्रदेश की छवि बनती है।”
‘मार्गदर्शिका बुकलेट’ का विमोचन
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में श्री साव ने नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तैयार ‘मार्गदर्शिका बुकलेट’ का विमोचन भी किया। इस बुकलेट में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित शहरी विकास योजनाओं, अधिनियमों और विभागीय दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
कार्यशाला में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., विभाग के संचालक श्री आर. एक्का, और सुडा के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय भी उपस्थित रहे। सचिव डॉ. बसवराजु ने इसे संवाद का मंच बताते हुए कहा कि यह मंच नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को योजनाओं और अधिनियमों की जानकारी देने के साथ-साथ उनकी शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान भी करेगा।
दूसरे दिन नगर पालिका और नगर पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
कार्यशाला के दूसरे दिन यानी 6 मई को प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के नवनिर्वाचित अध्यक्षों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही आगामी पांच वर्षों की विकास कार्ययोजना पर भी चर्चा की जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर इस कार्यशाला में आमंत्रित किया है।
“नगर सुराज संगम” के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार ने शहरी विकास में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी और जवाबदेही को और अधिक सशक्त करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है।