जय शाह का चयन और उनकी उपलब्धियां
जय शाह, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव रह चुके हैं, ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया है।
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- वह आईसीसी का नेतृत्व करने वाले पांचवें भारतीय बने हैं। उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, शशांक मनोहर, और एन श्रीनिवासन इस पद पर रह चुके हैं।
- जय शाह ने न्यूजीलैंड के वकील और पूर्व अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का स्थान लिया है, जिन्होंने तीसरे कार्यकाल के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं की थी।
- 35 साल की उम्र में जय शाह, इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति बन गए हैं।
चुनाव प्रक्रिया
- 27 अगस्त, 2024 को नामांकन की आखिरी तारीख तक, केवल जय शाह ने नामांकन दाखिल किया।
- इसके बाद आईसीसी एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने उन्हें सर्वसम्मति से निर्विरोध चुना।
कार्यकाल और चुनौतियां
- आईसीसी चेयरमैन का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, जो दो-दो साल के तीन चरणों में बंटा होता है।
- जय शाह के सामने बड़ी चुनौती 2025 में पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल को लागू करना है।
- शाह को क्रिकेट के बढ़ते वैश्विक स्वरूप और नए बाजारों में विस्तार को भी ध्यान में रखना होगा।
पृष्ठभूमि और योगदान
- जय शाह 2019 से बीसीसीआई के सचिव के रूप में काम कर रहे हैं।
- उनके कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट ने कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें आईपीएल का वैश्विक विस्तार, घरेलू क्रिकेट के लिए नई संरचनाएं, और क्रिकेट के व्यवसायिक पक्ष का विकास शामिल है।
- वह भारतीय गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र हैं, लेकिन क्रिकेट प्रशासन में उनकी पहचान अपने स्वतंत्र कार्यों और नीतियों के कारण बनी है।
निष्कर्ष
जय शाह के आईसीसी अध्यक्ष बनने से भारत का क्रिकेट प्रशासनिक स्तर पर प्रभाव और बढ़ेगा। उनके नेतृत्व में न केवल भारतीय क्रिकेट को मजबूती मिलेगी, बल्कि वैश्विक क्रिकेट के विकास में भी नए आयाम स्थापित होने की संभावना है।