नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को एक हाई-लेवल सुरक्षा समीक्षा बैठक संपन्न हुई, जिसमें रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान शामिल रहे। बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली और इसमें देश की सुरक्षा स्थिति एवं पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को लेकर गंभीर चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने बैठक में स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आतंकवाद का करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।” उन्होंने तीनों सेनाओं को कार्रवाई की खुली छूट देते हुए कहा, “हमारे पास पेशेवर सेना है। टारगेट, टाइम और तारीख सेना तय करे। सरकार उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब सीमा पर लगातार आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पीएम मोदी की इस टिप्पणी को सुरक्षा बलों को स्पष्ट संदेश के तौर पर देखा जा रहा है कि अब जवाब संयमित नहीं, बल्कि निर्णायक होगा।
बैठक के ठीक आधे घंटे बाद गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जिससे यह संकेत मिला कि आने वाले समय में केंद्र सरकार और संघ दोनों ही स्तर पर बड़ी रणनीतिक योजना पर काम कर सकते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार के इस कड़े रुख से साफ है कि आने वाले दिनों में आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति कहीं अधिक आक्रामक हो सकती है।