भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस सुनयना 12 अप्रैल 2025 को तंजानिया के दार-एस-सलाम बंदरगाह पर पहुँचा, जहाँ उसका भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा आईओएस सागर मिशन के अंतर्गत की जा रही है, जो समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने की भारत की एक प्रमुख पहल है।
इस अभियान की शुरुआत 5 अप्रैल को गोवा के कारवार से हुई थी। इस विशेष तैनाती की अहमियत इस बात से भी बढ़ जाती है कि इसमें भारतीय महासागर क्षेत्र (आईओआर) के नौ मित्र देशों – कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका – के कुल 44 नौसैनिक आईएनएस सुनयना पर सवार हैं।
इस अवसर पर तंजानिया नौसेना के प्रमुख रियर एडमिरल एआर हसन, भारतीय नौसेना के रियर एडमिरल निर्भय बापना (एसीएनएस-एफसीआई) और तंजानिया में भारत के रक्षा अताशे कमोडोर अग्यपाल सिंह, भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधियों समेत तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया।
बंदरगाह पर रुकने के दौरान, जहाज एक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास एआईकेईवाईएमईके (AINEKAYMEK) में हिस्सा लेगा, जिसका उद्घाटन 13 अप्रैल को भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ करेंगे। इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त रणनीतियों को सुदृढ़ करना, संचालन समन्वय बढ़ाना और समुद्री सुरक्षा में सुधार करना है।
इस अभ्यास में आईएनएस चेन्नई (एक विध्वंसक) और आईएनएस केसरी (लैंडिंग शिप टैंक) भी भाग ले रहे हैं, जो इस आयोजन की व्यापकता और सामरिक महत्व को दर्शाता है।
भारतीय नौसेना की यह पहल वैश्विक समुद्री सहयोग, क्षेत्रीय स्थायित्व और स्वतंत्र नौवहन मार्गों की सुरक्षा को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आईएनएस सुनयना 15 अप्रैल को अपना अगला पड़ाव – नाकाला, मोजाम्बिक – के लिए रवाना होगा, जहाँ यह मिशन जारी रहेगा।