Sohan Potai : समाजसेवा और संघर्ष का प्रतीक, सोहन पोटाई जी का प्रेरणादायी जीवन
सोहन पोटाई जयंती क्यों मनाई जाती है?
रायपुर। सोहन पोटाई छत्तीसगढ़ (विशेषकर बस्तर क्षेत्र) के एक प्रसिद्ध आदिवासी नेता, समाजसेवी और पूर्व सांसद थे।
उनकी जयंती इसलिए मनाई जाती है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन को आदिवासी समाज के उत्थान, उनके अधिकारों की रक्षा और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने में लगा दिया था।
वे आदिवासियों के स्वाभिमान, शिक्षा, संस्कृति, और राजनीतिक अधिकारों के पक्षधर थे।
उनके योगदान को याद करने और नई पीढ़ी को उनके कार्यों से प्रेरित करने के लिए हर वर्ष उनकी जयंती बड़े श्रद्धा भाव से मनाई जाती है।
सोहन पोटाई का जीवन परिचय (Biography of Sohan Potai)
पूरा नाम:
सोहन पोटाई
जन्म:
अप्रैल 1958, कांकेर जिला (छत्तीसगढ़)
मृत्यु:
09 मार्च 2023
शिक्षा:
सोहन पोटाई ने प्रारंभिक शिक्षा कांकेर क्षेत्र में ही प्राप्त की। साल 1998 में पोस्ट मास्टर की सरकारी नौकरी छोड़कर बीजेपी का दाम थामते हुए उन्होंने कांकेर सीट से राजनीति में कदम रखा।

राजनीतिक जीवन:
- सोहन पोटाई ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
- वे छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद (Member of Parliament) रहे।
- उन्होंने 1998, 1999, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की।
- वे कुल चार बार सांसद रहे।
- संसद में उन्होंने आदिवासी समाज, किसानों, ग्रामीण विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।
- वे विशेष रूप से आदिवासी समाज के हितों और उनकी पहचान की रक्षा के लिए सक्रिय रहे।

मुख्य कार्य और उपलब्धियां:
- आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए आवाज उठाई।
- क्षेत्रीय विकास के लिए अनेक योजनाएं केंद्र से स्वीकृत करवाईं।
- कांकेर और बस्तर क्षेत्र में सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाएं, बिजली-पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं के विकास में योगदान दिया।
- आदिवासियों के लिए रोजगार और शिक्षा के अवसर बढ़ाने के प्रयास किए।
व्यक्तित्व और विचारधारा:
- अत्यंत सहज, मिलनसार और जमीन से जुड़े हुए नेता थे।
- उन्होंने आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया।
- वे समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाने के पक्षधर थे।
- सोहन पोटाई अपने सादगी भरे जीवन, ईमानदारी और संघर्षशीलता के लिए जाने जाते थे।

निधन:
- 64 साल की उम्र में कैंसर की लड़ाई से हार गए, 09 मार्च 2023 में उनका निधन हो गया।
- उनके निधन से छत्तीसगढ़ समेत पूरे आदिवासी समाज ने एक बड़ा नेता और मार्गदर्शक खो दिया।
सोहन पोटाई जयंती समारोह में क्या होता है?
- उनके चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
- उनके विचारों और आदर्शों पर भाषण व संगोष्ठी आयोजित की जाती हैं।
- समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम चलते हैं।
- आदिवासी संस्कृति से जुड़े नृत्य, गीत और कला प्रदर्शन होते हैं।
- बच्चों और युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
संक्षेप में, सोहन पोटाई जयंती आदिवासी समाज के गौरव, संघर्ष, और सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है। उनकी सोच आज भी लोगों को प्रेरणा देती है।