छत्तीसगढ़ सरकार की प्रोजेक्ट युवा योजना के अंतर्गत धमतरी जिले के युवाओं को रोजगार की नई राह मिली है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में शुरू की गई इस योजना का पहला सफल उदाहरण सामने आया है, जहां गंगरेल-रुद्री क्षेत्र के तीन युवाओं ने फोटोग्राफी में प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार की शुरुआत की है।
सुनील साहू, कीर्तन साहू और भुवन मीनपाल ने महानदी किनारे स्थित पर्यटन स्थल माँ अंगारमोती मंदिर परिसर में फोटोग्राफी का व्यवसाय शुरू किया है। ये तीनों पर्यटकों के फोटो खींचकर उन्हें तत्काल प्रिंट देकर प्रति दिन एक से डेढ़ हजार रुपये तक की आय कर रहे हैं।
इन युवाओं को जिला प्रशासन द्वारा फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कैमरे की तकनीकी जानकारी, लाइटिंग, फ्रेमिंग, अपर्चर और स्पीड जैसी बारीकियों की जानकारी दी गई। साथ ही इंडोर और आउटडोर फोटोग्राफी का भी अभ्यास कराया गया।
शुरुआती सहायता भी मिली प्रशासन से
प्रशिक्षण के बाद युवाओं को न केवल स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई, बल्कि उन्हें रेडीमेड, आसानी से असेंबल होने वाले फोटोग्राफी बूथ और बैटरी से चलने वाले फोटो प्रिंटर भी उपलब्ध कराए गए। इसके ज़रिए वे पर्यटकों को आकर्षक फोटो की हार्ड कॉपी के साथ-साथ मोबाइल या पेन ड्राइव में सॉफ्ट कॉपी भी रियायती दरों पर उपलब्ध करा रहे हैं।
पर्यटन स्थलों पर बढ़ी सुविधा, युवाओं में आत्मविश्वास
अंगारमोती मंदिर परिसर और गंगरेल डैम जैसे पर्यटन स्थलों पर इस सुविधा से पर्यटकों को तत्काल फोटो प्राप्त हो रही हैं और इन युवाओं को अपने कौशल से रोज़गार का अवसर मिल रहा है। यह मॉडल अब अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर रहा है।
प्रशिक्षण से रोजगार तक की संपूर्ण प्रक्रिया
‘प्रोजेक्ट युवा’ के अंतर्गत धमतरी जिले के 12वीं से लेकर कॉलेज स्तर तक के विद्यार्थियों को डिजिटल तकनीक और व्यावसायिक कौशलों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें डिजिटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, साइबर सिक्योरिटी, एआई, ड्रोन टेक्नोलॉजी, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, शेफ एंड कुकिंग, ब्यूटिशियन जैसे शॉर्ट टर्म कोर्स शामिल हैं।
एक उदाहरण, कई प्रेरणाएँ
सुनील, कीर्तन और भुवन की यह कहानी उन युवाओं के लिए मिसाल है, जिनके पास हुनर तो है, पर सही मार्गदर्शन की आवश्यकता थी। ‘प्रोजेक्ट युवा’ ने उन्हें न सिर्फ हुनर सिखाया, बल्कि रोज़गार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनने का रास्ता भी दिखाया।
राज्य सरकार की यह पहल युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है, जो आने वाले समय में अन्य जिलों के युवाओं के लिए भी आशा और सफलता की कहानी बन सकती है।