रायपुर: 95 नगर पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश जारी, निर्वाचन परिषद का कार्यकाल समाप्त होने पर लिया गया फैसला
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 95 नगर पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय उन नगर पंचायतों के प्रशासन को सुचारू बनाए रखने के लिए लिया गया है, जहां निर्वाचन परिषद का कार्यकाल विभिन्न तिथियों में समाप्त हो रहा है। यह कदम नई परिषदों के गठन तक प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

प्रशासकों की नियुक्ति क्यों जरूरी?
नगर पंचायतों का संचालन निर्वाचित परिषदों के माध्यम से होता है। लेकिन, जब परिषद का कार्यकाल समाप्त हो जाता है और नए चुनाव नहीं हो पाते, तो प्रशासनिक कामकाज ठप होने की आशंका रहती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए राज्य सरकार प्रशासकों की नियुक्ति करती है, जो नए चुनाव होने तक प्रशासन का दायित्व संभालते हैं।


फैसले के प्रमुख पहलू
- 95 नगर पंचायत प्रभावित:
प्रदेशभर की 95 नगर पंचायतों में निर्वाचन परिषद का कार्यकाल अलग-अलग तिथियों में समाप्त हो रहा है। सरकार ने समय रहते इन पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। - प्रशासकों की जिम्मेदारी:
प्रशासक नगर पंचायतों के सभी प्रशासनिक कार्यों को संचालित करेंगे। इनमें नागरिक सुविधाएं, विकास कार्य, और अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन शामिल है। - स्थानीय प्रशासन को बढ़ावा:
प्रशासकों के रूप में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों या वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा। इससे प्रशासनिक निर्णय तेजी से लिए जा सकेंगे। - चुनावी प्रक्रिया जारी:
नई परिषद के गठन के लिए चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक प्रशासक प्रशासनिक कार्य संभालेंगे।
सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार का यह कदम नगर पंचायतों में शासन व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है। प्रशासकों की नियुक्ति से यह सुनिश्चित होगा कि विकास कार्य रुकें नहीं और नागरिकों को सभी आवश्यक सेवाएं मिलती रहें।


नागरिकों की क्या उम्मीद?
इस फैसले से नगर पंचायतों में जारी परियोजनाओं और योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नई परिषदों के गठन तक प्रशासक यह जिम्मेदारी निभाएंगे।



सरकार की यह पहल दिखाती है कि वह नागरिकों के हितों को प्राथमिकता देते हुए प्रशासनिक कामकाज को व्यवस्थित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।