गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बनी ई-बाइक देशभर में मचा रही धूम, कुलपति भी कर रहे इस्तेमाल
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बिलासपुर ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक विकसित की है, जो देशभर में मांग का केंद्र बन गई है। विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा तैयार की गई यह ई-बाइक न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भरता और उद्यमिता के लिए प्रेरित करने का एक मॉडल भी बन चुकी है।
देशभर से मिल रहे ऑर्डर
इस ई-बाइक की तकनीक, किफायती कीमत और लंबी रेंज के चलते इसे लेकर देशभर से ऑर्डर मिल रहे हैं। दिल्ली की समर्थ एजेंसी ने पहले ही 300 बाइक का ऑर्डर दिया है। इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी ने बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है।
हर वर्ग के लिए उपयोगी
यह बाइक इस तरह डिजाइन की गई है कि कोई भी व्यक्ति—चाहे उसकी हाइट कम हो या ज्यादा—इसे आसानी से चला सकता है। चार्जिंग पर आधारित यह गाड़ी एक बार फुल चार्ज होने पर 400 किलोमीटर तक चल सकती है, जिससे यह डिलीवरी सेवाओं जैसे जोमैटो, स्विग्गी आदि के लिए भी बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।
कुलपति भी हैं बाइक के प्रशंसक
यूनिवर्सिटी के कुलपति आलोक चक्रवर्ती स्वयं इस बाइक को नियमित रूप से चलाते हैं और इसे अन्य बाइकों की तुलना में अधिक आरामदायक और व्यवहारिक मानते हैं। कुलपति का कहना है कि 2022 से यूनिवर्सिटी में छात्रों के सर्वांगीण विकास और आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
दूसरी यूनिवर्सिटियों के लिए मिसाल
इस स्टार्टअप मॉडल को देश की अन्य यूनिवर्सिटियों के लिए भी एक प्रेरणा माना जा रहा है। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच 1 लाख रुपये से कम लागत वाली यह ई-बाइक एक स्मार्ट और टिकाऊ विकल्प के रूप में उभरी है।
5000+ छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी का उद्देश्य अपने 5000 से अधिक छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ स्टार्टअप और व्यापारिक कौशल पर भी काम किया जा रहा है।