रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का सुदूरवर्ती गांव गलगम आज पूरे देश की सुर्खियों में रहा, जब ट्विटर (अब X) पर #BadaltaBastar ट्रेंड करते हुए नंबर-1 पर पहुंच गया। इस बदलाव का प्रतीक बना मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का गलगम दौरा, जहां उन्होंने देश के सबसे बड़े एंटी-नक्सल ऑपरेशन के बाद जमीनी हकीकत से रूबरू होते हुए जवानों और ग्रामीणों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने करेगुट्टा ऑपरेशन की सफलता को “ऐतिहासिक” करार देते हुए कहा कि 21 दिनों तक चले इस अभियान में 31 खूंखार नक्सली ढेर किए गए और भारी मात्रा में हथियार व विस्फोटक बरामद किए गए। उन्होंने 44 डिग्री की भीषण गर्मी में ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले CRPF जवानों के जज्बे को सलाम किया और कहा, “यह सिर्फ नक्सलियों के खिलाफ नहीं, बस्तर के उज्ज्वल भविष्य के लिए लड़ी गई लड़ाई है।”

विकास की नई रफ्तार
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि बस्तर में अब सुशासन की बहाली और विकास की धारा तेज हो चुकी है। उन्होंने मूलेर में स्थापित पहले सुरक्षा कैंप को “सुविधा कैंप” बताया और कहा कि इन कैंपों की बदौलत अब गांव-गांव तक राशन, बिजली, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएं और मोबाइल नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंच रही हैं। “हमने बस्तर के लोगों को डर से नहीं, भरोसे और सुविधाओं से जोड़ने का संकल्प लिया है।”
ग्रामीणों से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री ने गलगम में राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और पीएम आवास योजना के तहत नक्सल पीड़ित और आत्मसमर्पित परिवारों को स्वीकृति पत्र भी वितरित किए। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के हर मोर्चे पर उनके साथ है।

साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उनकी सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बना दिया जाए। “नियद नेल्ला नार योजना ने सुरक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के बीच सेतु का काम किया है। इससे अब डर नहीं, भरोसा बन रहा है।”