बिजली के तारों पर बैठे पक्षियों को करंट नहीं लगता क्योंकि उनका शरीर केवल एक ही तार को छूता है और उनके पैरों के बीच वोल्टेज का अंतर नहीं होता।
तकनीकी कारण:
- वोल्टेज अंतर का अभाव – बिजली का प्रवाह उच्च वोल्टेज से निम्न वोल्टेज की ओर होता है। जब पक्षी केवल एक ही तार पर बैठता है, तो उसके दोनों पैर लगभग एक ही वोल्टेज पर होते हैं, जिससे करंट प्रवाहित नहीं होता।
- धरती से संपर्क नहीं – अगर पक्षी किसी अन्य तार को या जमीन को छू ले, तो वोल्टेज अंतर बनने से करंट प्रवाहित हो सकता है और उसे झटका लग सकता है।
- शरीर का उच्च प्रतिरोध – पक्षियों का शरीर धातु की तुलना में उच्च प्रतिरोधी होता है, जिससे करंट गुजरने की संभावना और भी कम हो जाती है।
अगर कोई पक्षी गलती से एक साथ दो तारों को छू ले या तार और किसी धातु के खंभे से संपर्क में आ जाए, तो उसे करंट लग सकता है। यही कारण है कि बड़े पक्षी या गीली परिस्थितियों में यह जोखिम बढ़ जाता है।