रायपुर। क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन घोटाले में रायपुर के फोरेंसिक क्रिप्टो एक्सपर्ट गौरव मेहता के घर और दफ्तर में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी है। छापेमारी के दौरान ईडी की टीम को कई बैंकों में बड़े पैमाने पर लेनदेन के रिकॉर्ड मिले हैं।
इससे यह साफ हो गया है कि आरोपी ने इस घोटाले को चलाने के लिए वित्तीय लेन-देन किया था। आईडीएफसी बैंक के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया है, ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके। बताया जा रहा है कि बैंक अधिकारियों से पूछताछ के दौरान कई नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
6600 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच में ईडी की टीम ने बुधवार को गौरव मेहता के रायपुर स्थित बंगले पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी बड़े क्रिप्टो करेंसी स्कैम से जुड़ी है, जिसमें करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप गौरव पर लगा है।
बिटकॉइन में निवेश के लिए खोली थी कंपनी
गौरव मेहता पर आरोप है कि उसने क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन में निवेश करने के लिए एक कंपनी खोली थी। इस कंपनी का नाम Catax था। इस कंपनी के जरिए से वह निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने और टैक्स बचाने के तरीकों के बारे में काउंसलिंग देता था।
बताया जा रहा है कि कंपनी का सीईओ खुद गौरव मेहता था। वह निवेशकों से बड़ी रकम वसूलने के बाद उन्हें बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े फायदे के बारे में जानकारी देता था।
NIT रायपुर से की इंजीनियरिंग की पढ़ाई
गौरव मेहता की शिक्षा रायपुर के होली क्रॉस स्कूल से हुई है। वह रायपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) का भी छात्र रहा है। गौरव ने 2010 में क्रिप्टो करेंसी के व्यापार में कदम रखा था और इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई थी।
वह एक साइबर एक्सपर्ट के रूप में भी काम कर चुका है। गौरव ने इसी वजह से कई लोगों को क्रिप्टो करेंसी निवेश के बारे में सलाह दी थी।