तुर्की में रूस-यूक्रेन शांति वार्ता रही बेनतीजा, दो घंटे में खत्म हुई बातचीत
इस्तांबुल/करीब तीन साल बाद पहली बार आमने-सामने बैठे रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की बहुप्रतीक्षित शांति वार्ता तुर्की में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। बातचीत महज दो घंटे से भी कम समय में खत्म हो गई। यूक्रेन ने रूस पर “अस्वीकार्य मांगें” रखने का आरोप लगाया है, जिसके चलते बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी।
इस बैठक में यूक्रेन की ओर से रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव और रूस की ओर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की शामिल हुए। दोनों पक्ष यू-आकार की मेज के चारों ओर आमने-सामने बैठे, लेकिन आपसी असहमति इतनी गहरी थी कि वार्ता जल्द ही थम गई।
इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया था कि वे तभी बातचीत में शामिल होंगे जब पुतिन स्वयं वार्ता में आएंगे। पुतिन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसके बाद ज़ेलेंस्की ने रूस पर “गंभीरता की कमी” और “राजनीतिक दिखावे” का आरोप लगाया।
ट्रंप की मध्यस्थता की कोशिश
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह जल्द ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन से सीधी बातचीत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अपने पश्चिम एशिया दौरे से लौटते वक्त ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम यह करें।”
क्या आगे कोई उम्मीद है?
तुर्की में हुई यह बातचीत भले ही बेनतीजा रही, लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों देशों के बीच संवाद की गुंजाइश अब भी ज़िंदा है। दुनिया की निगाहें अब अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर टिकी हैं, जो इस जटिल युद्ध को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक हो सकते हैं।