नई दिल्ली। डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अक्सर देखा गया है कि UPI ऐप्स से पैसे भेजते वक्त जल्दबाज़ी या भ्रम में लोग गलत अकाउंट में ट्रांजैक्शन कर बैठते हैं, जिसे रिकवर करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब इस गलती की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।

क्या है NPCI का नया नियम?
NPCI के नए नियम के तहत अब सभी UPI ऐप्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि पेमेंट स्क्रीन पर दिखने वाला नाम सीधे बैंक के रिकॉर्ड से प्राप्त हो।
- अब क्यूआर कोड से आया हुआ नाम या आपके फोन में सेव नाम नहीं चलेगा।
- सिर्फ वही नाम दिखाई देगा जो बैंक खाते में पंजीकृत है।
NPCI ने कहा, “इससे यूज़र को कन्फर्म करना आसान होगा कि वे पैसे सही व्यक्ति को भेज रहे हैं।”
कैसे करेगा यह नियम आपकी मदद?
अब तक UPI से पैसे भेजते समय कई यूज़र्स फोन में सेव नाम या QR कोड पर भरोसा करके पैसे ट्रांसफर कर देते थे। इससे कई बार रकम गलत खाते में चली जाती थी।
अब ऐसा नहीं होगा। जैसे ही आप किसी UPI आईडी या QR कोड स्कैन करेंगे, ऐप पर उस व्यक्ति का बैंक रिकॉर्ड वाला असली नाम दिखेगा। इससे आप तय कर सकेंगे कि पैसे किसे भेजने जा रहे हैं।

कब से लागू होगा नया नियम?
यह नया नियम 30 जून 2025 से पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
Google Pay, PhonePe, Paytm, BHIM जैसे सभी प्रमुख UPI ऐप्स को यह सुविधा अनिवार्य रूप से लागू करनी होगी।
क्या होगा फायदा यूज़र्स को?
- गलत अकाउंट में पैसे जाने की संभावना खत्म होगी।
- रियल-टाइम कन्फर्मेशन मिलेगा कि पैसे किसके खाते में जा रहे हैं।
- यूज़र्स को अधिक नियंत्रण और सुरक्षा मिलेगी ट्रांजैक्शन पर।
- धोखाधड़ी और पेमेंट फ्रॉड की घटनाएं कम होंगी।

NPCI का यह कदम डिजिटल ट्रांजैक्शन को सुरक्षित और यूज़र फ्रेंडली बनाने की दिशा में बेहद अहम है। अब UPI से पेमेंट करने से पहले हर यूज़र को नाम देखकर कन्फर्म करने का मौका मिलेगा कि वह पैसे सही व्यक्ति को भेज रहा है।