Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा भारत के ओडिशा राज्य के पुरी शहर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक अत्यंत पावन और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध हिंदू त्योहार है। यह पर्व भगवान जगन्नाथ, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित होता है। यह रथ यात्रा न केवल ओडिशा बल्कि पूरे भारत और विश्वभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था और भक्ति का प्रतीक बन चुकी है।
रथ यात्रा का धार्मिक महत्व
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएं भव्य रूप से सजाए गए विशाल लकड़ी के रथों पर सवार होकर नगर भ्रमण करती हैं। यह एक ऐसा अवसर होता है जब भगवान स्वयं अपने भक्तों के बीच आते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। यह यात्रा समाज में आस्था, भक्ति, समानता और सांस्कृतिक एकता का संदेश देती है।

यात्रा की परंपरा और प्रक्रिया
रथ यात्रा की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है। भगवान के रथों का निर्माण नीम की पवित्र लकड़ी (जिसे ‘दारु’ कहा जाता है) से किया जाता है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ बनाए जाते हैं – नंदिघोष, तलध्वज और दर्पदलना। ये रथ पारंपरिक हस्तकला से अलंकृत होते हैं और हर वर्ष नए बनाए जाते हैं।
यात्रा जगन्नाथ मंदिर से आरंभ होकर लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित गुंडीचा मंदिर तक जाती है, जिसे भगवान की मौसी का घर माना जाता है। भगवान वहां कुछ दिन विश्राम करते हैं और फिर ‘बाहुड़ा यात्रा’ के माध्यम से वापसी करते हैं।

मान्यताएं और भक्तों की आस्था
इस पर्व से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं। ऐसा विश्वास है कि रथ यात्रा में भाग लेने, रथ खींचने या रथ के मार्ग में झाड़ू लगाने मात्र से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह आयोजन भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति का माध्यम भी माना जाता है। साथ ही, यह आयोजन जाति, वर्ग और धर्म की सीमाओं को पार कर समाज में भाईचारा और सामूहिक एकता का संदेश देता है।
रथ यात्रा 2025 की तिथि
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि 26 जून 2025 को दोपहर 1:24 बजे आरंभ होकर 27 जून को सुबह 11:19 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि को मान्यता मिलने के कारण इस वर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा का मुख्य आयोजन 27 जून 2025, शुक्रवार को होगा।

संक्षिप्त जानकारी
- स्थान: पुरी, ओडिशा
- तिथि: 27 जून 2025 (शुक्रवार)
- प्रारंभ स्थल: श्री जगन्नाथ मंदिर
- गंतव्य स्थल: गुंडीचा मंदिर
- मुख्य देवता: भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा
- महत्व: मोक्ष प्राप्ति, भक्तिपूर्वक दर्शन, सामाजिक एकता
जगन्नाथ रथ यात्रा एक ऐसा पर्व है जो धार्मिक श्रद्धा, सांस्कृतिक गौरव और सामूहिक एकजुटता की मिसाल पेश करता है। यह आयोजन हर साल न केवल भक्तों की आस्था को सशक्त करता है बल्कि भारत की समृद्ध परंपरा और विरासत को विश्व मंच पर उजागर भी करता है।