नई दिल्ली। महिलाओं में बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) होना एक आम लेकिन चिंताजनक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी मुख्य वजह महिलाओं की शारीरिक बनावट और कुछ आदतें हैं जो संक्रमण को बढ़ावा देती हैं। हालांकि इसे गंभीर बीमारी का संकेत नहीं माना जाता, लेकिन समय पर सावधानी नहीं बरतने पर यह किडनी से जुड़ी जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
क्यों होता है बार-बार यूटीआई?
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वाणी पुरी रावत के अनुसार, महिलाओं की मूत्र नली (यूरेथ्रा) छोटी होती है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से मूत्राशय तक पहुंच जाते हैं। इसके अलावा योनि और गुदा मार्ग का पास-पास होना भी संक्रमण का एक कारण है, क्योंकि इन क्षेत्रों में सामान्य रूप से बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं।

ये आदतें भी बन सकती हैं कारण:
- कम पानी पीना
- यूरिन को देर तक रोककर रखना
- बाथरूम हाइजीन का अभाव
- सही दिशा में सफाई न करना (पीछे से आगे की बजाय आगे से पीछे साफ करें)
- यौनक्रिया के बाद सफाई में लापरवाही
- नॉन-लुब्रिकेटेड कंडोम का प्रयोग
क्या बार-बार यूटीआई होना गंभीर है?
डॉ. रावत बताती हैं कि बार-बार यूटीआई होना जरूरी नहीं कि किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो, लेकिन यह किडनी से जुड़ी समस्याओं का खतरा जरूर बढ़ा सकता है। ऐसे में समय पर इलाज और परहेज बेहद जरूरी हो जाता है।

कैसे करें बचाव?
- बाथरूम हाइजीन का ध्यान रखें।
- हर बार यूरिन करने के बाद आगे से पीछे की ओर सफाई करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (कम से कम 8-10 गिलास प्रतिदिन)।
- यूरिन को देर तक न रोकें।
- यौन संबंध के पहले और बाद में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- अगर बार-बार यूटीआई हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष:
बार-बार यूटीआई होना आम समस्या हो सकती है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना भविष्य में भारी पड़ सकता है। स्वच्छता और सही जीवनशैली अपनाकर आप इस परेशानी से काफी हद तक बच सकती हैं।