इंदौर : देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा परिसर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में एक विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। यह पहली बार है जब 1945 के बाद किसी मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक स्थल पर मंत्री परिषद की बैठक बुलाई हो। बैठक में राज्य के विकास, स्वच्छता, स्वास्थ्य और कौशल विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
राजवाड़ा बैठक के मुख्य निर्णय:
🔹 ‘राहवीर योजना’ की घोषणा – अब सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले राहगीरों को 25,000 रुपये का इनाम मिलेगा। उन्हें केवल 108 एंबुलेंस को सूचना देनी होगी।
🔹 पाँच शहरों के लिए बनेगा मेट्रोपॉलिटन विकास प्राधिकरण – इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर के समन्वित विकास के लिए विशेष प्राधिकरण का गठन होगा, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे।
🔹 मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता कार्यक्रम पुनः शुरू – स्वच्छ भारत मिशन के पूरक के रूप में यह योजना फिर से शुरू की जाएगी। प्रथम चरण में 277 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। जिलों को सफाई उपकरण और मशीनें प्रदान की जाएंगी।
🔹 देवी अहिल्याबाई को समर्पित स्किल डेवलपमेंट योजना – महिलाओं और युवाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की कौशल विकास योजना शुरू की जाएगी। लाभार्थियों को बैंक ब्याज में सालाना 1,000 रुपये की छूट मिलेगी।

🔹 MY अस्पताल को मिलेगा आधुनिक रूप – इंदौर का एम.वाय. अस्पताल 773 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा। इससे मध्य भारत के मध्यम वर्गीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
🔹 ‘स्टैच्यू ऑफ ऑननेस’ क्षेत्र का विकास – ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा के चारों ओर 2,100 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन, लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर का विकास होगा।
🔹 राजवाड़ा दरबार हॉल के संरक्षण हेतु निधि – ऐतिहासिक दरबार हॉल के पुनर्स्थापन और संरक्षण के लिए 11.21 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस विकास कार्य का भूमिपूजन भी किया।
अन्य प्रमुख बातें:
- देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर शहर में एकल कविता पाठ और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
- बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ब्रीफिंग दी, जबकि मंत्री विजय शाह, कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी के चलते बैठक में अनुपस्थित रहे।
यह कैबिनेट बैठक न केवल ऐतिहासिक धरोहर को सम्मान देने की दिशा में एक प्रयास रही, बल्कि प्रदेश के सामाजिक, स्वास्थ्य और शहरी विकास में नई दिशा देने वाली भी साबित हुई।