रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि “ट्रिपल इंजन” का दावा दरअसल आम जनता पर “ट्रिपल अत्याचार” बनकर टूटा है। उन्होंने चेताया कि जुलाई से गाइडलाइन दरों में वृद्धि, रजिस्ट्री महंगी, बिजली बिल में बढ़ोतरी, और रेल किराया वृद्धि जैसी कई आर्थिक मार जनता को झेलनी पड़ेगी।
किसानों से लेकर विद्यार्थियों तक बेहाल
वर्मा ने कहा कि खरीफ सीजन की बुआई के दौरान किसानों को खाद और बीज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। सहकारी समितियों में न DAP है, न NPK। वहीं, स्कूलों में न किताबें हैं, न गणवेश, और न ही पर्याप्त शिक्षक। सरकार युक्तियुक्तकरण और नए सेटअप के नाम पर स्कूलों के पदों में कटौती कर रही है और अब तक 10463 स्कूल बंद हो चुके हैं। दूसरी ओर, शराब की दुकानें बढ़ती जा रही हैं और रेत माफियाओं को खुला संरक्षण मिल रहा है।
बरसात आई, लेकिन नगर निगम अब भी सो रहा
उन्होंने कहा कि बरसात सिर पर है, लेकिन नगर निगम की नींद नहीं टूटी। जलभराव से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। भाजपा की प्राथमिकता केवल गरीबों के मकानों पर बुलडोजर चलाना और वसूली तंत्र को मजबूत करना है।
रेलवे और बिजली: जनता के लिए नया झटका
वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली कई यात्री ट्रेनें रद्द की जा रही हैं, सुविधाएं बदहाल हैं, लेकिन सरकार 1 जुलाई से रेल किराया बढ़ाने जा रही है। वहीं, बिजली बिल में भी भारी वृद्धि की तैयारी पूरी हो चुकी है।
भाजपा के वादों को बताया झांसा
सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा के चुनावी वादों को झांसा और जुमला बताते हुए कहा कि:
- हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा था, मिला रोजगार संकट।
- हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख, मिला मंहगाई और बेरोजगारी।
- 500 रुपये में गैस सिलेंडर, अब 1000 से ऊपर।
- हर महिला को महतारी वंदन योजना, लेकिन लाभ विलंबित और भ्रामक।
- छत्तीसगढ़ में जंगल काटे जा रहे हैं, खदानें बेची जा रही हैं।
पूंजीपतियों के पोषण में व्यस्त भाजपा सरकार
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने और खुद की कमीशनखोरी में लिप्त हैं। जनता का खून चूसा जा रहा है और देश के संसाधनों को मोदी के करीबी मित्रों पर लुटाया जा रहा है।
सुरेंद्र वर्मा ने जनता से अपील की कि अब वक्त आ गया है कि वे सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएं और जनहित के मुद्दों पर एकजुट होकर आवाज उठाएं।