रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के साहित्य प्रेमियों के लिए यह अत्यंत शोक का क्षण है। प्रख्यात हास्य-व्यंग्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन हो गया है। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं उनके निवास पहुंचे और दिवंगत कवि को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार इस कठिन समय में पूरी तरह उनके साथ है।
मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया X (पूर्व ट्विटर) पर डॉ. दुबे को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा
“डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि संपूर्ण साहित्यिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। अपने विलक्षण हास्य, तीव्र व्यंग्य और अनूठी रचनात्मकता से उन्होंने ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों के मंचों को भी गौरवान्वित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा
“उनकी जीवंतता, ऊर्जा और साहित्य के प्रति समर्पण सदा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। वे मंचीय काव्य परंपरा में हास्य और व्यंग्य को जिस गरिमा और गहराई से प्रस्तुत करते थे, वह आज भी दुर्लभ है।”
उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोकसंतप्त परिजनों, साहित्य प्रेमियों एवं असंख्य प्रशंसकों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति देने की कामना की।
अंतिम यात्रा: 27 जून को होगा अंतिम संस्कार
डॉ. दुबे की अंतिम यात्रा 27 जून, शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे उनके निवास अशोका प्लैटिनम, बंगला नं. 25 से निकलेगी, जो मारवाड़ी श्मशान घाट पहुंचेगी। उनका पार्थिव शरीर आज अशोका रत्न स्थित निवास पर अंतिम दर्शन हेतु रखा जाएगा।
इस अंतिम विदाई में देश के कई प्रमुख कवियों की उपस्थिति रहेगी, जिनमें प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास सहित अनेक साहित्यकारों के शामिल होने की संभावना है। यह क्षण न केवल एक कवि को विदा करने का है, बल्कि एक युग की विदाई भी है।