PM बोले: जहां नक्सल हिंसा थी, वहां अब नई क्रांति का जन्म हो रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 105वें एपिसोड में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र का जिक्र करते हुए वहां हो रहे सकारात्मक बदलावों की सराहना की। उन्होंने बस्तर ओलंपिक का खासतौर पर उल्लेख करते हुए कहा कि यह आयोजन युवाओं को खेल के माध्यम से जोड़ने और उनके जीवन में नई ऊर्जा भरने का एक बेहतरीन प्रयास है।
कारी की कहानी ने प्रेरित किया
प्रधानमंत्री ने इस दौरान बस्तर के आदिवासी युवाओं और उनके संघर्ष की कहानियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में हिंसा और अस्थिरता का दौर रहा है। लेकिन वहां के लोग अब नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”
PM मोदी ने खासतौर पर कारी नामक खिलाड़ी की कहानी साझा की, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार कर रहा है। उन्होंने कहा, “कारी की कहानी हमें बताती है कि चुनौतियों को कैसे अवसरों में बदला जा सकता है। वह हमें प्रेरणा देता है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।”
बस्तर ओलंपिक: खेल और एकता का पर्व
बस्तर ओलंपिक की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे आदिवासी संस्कृति, खेल और परंपरा को बढ़ावा देने वाला अनूठा प्रयास बताया। उन्होंने कहा, “इस आयोजन ने न केवल आदिवासी युवाओं को जोड़ा है, बल्कि उन्हें एक नई दिशा और मंच भी दिया है।” इस ओलंपिक में बस्तर के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों युवाओं ने भाग लिया और पारंपरिक खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
बस्तर में बदलाव की नई लहर
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो क्षेत्र कभी नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता था, वह अब सकारात्मक बदलाव और विकास का प्रतीक बन रहा है। उन्होंने इसे एक नई क्रांति का आगाज बताया। उनका कहना था कि विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में सुधार ने वहां के लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी के संदेश ने यह स्पष्ट किया कि बस्तर जैसे क्षेत्र अब शांति, प्रगति और नवाचार की नई कहानी लिख रहे हैं। उनकी यह प्रेरणादायक बात उन सभी लोगों को प्रोत्साहित करती है, जो बदलाव और विकास के लिए काम कर रहे हैं।