नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें कई बड़े और ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिस्री समेत शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

CCS को दी गई हमले की पूरी जानकारी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि CCS बैठक में पहलगाम हमले की गंभीरता पर चर्चा की गई, जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत हुई और कई घायल हुए। समिति ने इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति दोहराई गई।

बैठक में लिए गए सख्त फैसले:
- सिंधु जल संधि स्थगित: 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह संधि तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में ठोस और भरोसेमंद कदम नहीं उठाता।
- अटारी चेकपोस्ट बंद: भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित अटारी चेकपोस्ट को बंद कर दिया गया है। केवल उन्हीं लोगों को 1 मई 2025 तक लौटने की अनुमति होगी, जो वैध दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
- SAARC वीजा रद्द: पाकिस्तानी नागरिकों को दी गई SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत जारी सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं। भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश जारी हुआ है।
- पाक उच्चायोग के अधिकारी निष्कासित: नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को “अवांछित व्यक्ति” घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह की समय-सीमा दी गई है।
- भारतीय अधिकारी भी लौटेंगे: भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। इन पदों को अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया गया है।
पीएम मोदी ने सऊदी यात्रा छोड़ी, शाह पहुंचे श्रीनगर
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस संवेदनशील स्थिति को देखते हुए सऊदी अरब की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी और देश लौट आए। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को श्रीनगर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और स्थिति की समीक्षा की।
सरकार का सख्त संदेश: आतंकवाद नहीं सहेंगे
बैठक में लिए गए निर्णयों से सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्रवाई करेगा। आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कठोर सजा देने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।