नई दिल्ली। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक और बड़ी सैन्य खबर सामने आई है। चीन ने पाकिस्तान को 100 से ज्यादा PL-15 लॉन्ग रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें (VLRAAM) सौंप दी हैं। यह कदम भारत के खिलाफ सैन्य संतुलन साधने के मकसद से उठाया गया है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को और जटिल बना सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, PL-15 मिसाइल की अधिकतम रेंज 200 किलोमीटर है, जो पहले की PL-12 मिसाइल (लगभग 100 किलोमीटर) की तुलना में दोगुनी है। PL-12 मिसाइल पहले JF-17 लड़ाकू विमान के साथ एकीकृत थी, लेकिन अब नए PL-15 मिसाइलों के साथ JF-17 थंडर ब्लॉक-3 विमान की क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है। इसके अतिरिक्त, विंग टिप्स पर PL-10E WVRM HOBS सक्षम मिसाइलें भी तैनात की गई हैं, जो डॉगफाइट क्षमता को काफी बढ़ाती हैं।

यह खबर ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के बीच तनाव किसी भी वक्त एक बड़े सैन्य संघर्ष में बदल सकता है। इसी बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार और चीन के राजदूत जियांग जैदोंग के बीच एक अहम बैठक भी हुई। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से जानकारी दी कि दोनों नेताओं ने पाकिस्तान-चीन के हर मौसम में रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की और उभरते क्षेत्रीय हालातों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने निकट संचार और समन्वय बनाए रखने पर सहमति जताई और विदेश मंत्री डार ने चीन को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर चीन की यह सैन्य सहायता आने वाले दिनों में क्षेत्रीय सुरक्षा पर गहरा असर डाल सकती है और यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए मोड़ों को जन्म दे सकती है।