नई दिल्ली। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। अब भारत ने पाकिस्तान पर ऐसा कड़ा प्रहार किया है, जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी। शनिवार को भारत ने सिंधु जल समझौता रद्द करने के बाद ‘वाटर बम’ छोड़ा, जिसके बाद पाकिस्तान के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
सिंधु जल समझौता रद्द और पाक उच्चायोग की संख्या में कटौती
पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने कई अहम कदम उठाए। इन कदमों में सिंधु जल समझौता रद्द करना, पाकिस्तानी उच्चायोग की संख्या घटाना, पाक नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश देना और अटारी-वाघा चेकपोस्ट को बंद करना शामिल है।
भारत का ‘वाटर बम’ और पाकिस्तान पर असर
23 अप्रैल को भारत ने सिंधु नदी का पानी रोक लिया था, लेकिन शनिवार को तीन दिनों से रोका गया पानी एक साथ छोड़ दिया। इससे पश्चिमी पाकिस्तान की सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के किनारे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। पाकिस्तान के मीडिया और सोशल मीडिया पर बाढ़ की तबाही की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं।
भयंकर बाढ़ और भारी नुकसान
भारत ने बिना पूर्व सूचना के झेलम नदी में पानी छोड़ा, जिससे बाढ़ का कहर मच गया। इसके कारण तटीय इलाकों में अफरातफरी का माहौल बन गया। इस ‘वाटर बम’ से पाकिस्तान को दोहरा नुकसान हुआ है: एक ओर जहां बस्तियों और फसलों को भारी तबाही का सामना करना पड़ा, वहीं दूसरी ओर छोड़ा गया पानी बेकार बह गया, जिससे पाकिस्तान उसे उपयोग में भी नहीं ला सका।