अक्टूबर का महीना Breast Cancer Awareness Month के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्तन कैंसर के बारे में सही जानकारी देना और उनसे जुड़े भ्रमों को दूर करना है। आज भी कई मिथक ऐसे हैं जो महिलाओं को समय पर जांच और इलाज से दूर रखते हैं। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े 10 आम मिथक और उनके पीछे की सच्चाई —
1. मिथक: ब्रेस्ट कैंसर केवल उन्हीं महिलाओं को होता है जिनके परिवार में इसका इतिहास है।
सच्चाई: 90% मामलों में मरीजों का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं होता। केवल 5–10% मामले जेनेटिक कारणों से होते हैं।
2. मिथक: हर गांठ का मतलब कैंसर है।
सच्चाई: लगभग 80% गांठें सौम्य होती हैं, लेकिन किसी भी बदलाव की डॉक्टर से जांच ज़रूर कराएं।
3. मिथक: अंडरवायर ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होता है।
सच्चाई: अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। यह एक पुराना झूठा भ्रम है।
4. मिथक: यह बीमारी सिर्फ उम्रदराज़ महिलाओं को होती है।
सच्चाई: युवा महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। पुरुष भी इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं।
5. मिथक: डिओडोरेंट या एंटीपर्सपिरेंट से ब्रेस्ट कैंसर होता है।
सच्चाई: इनका ब्रेस्ट कैंसर से कोई सीधा वैज्ञानिक संबंध नहीं है।
6. मिथक: मैमोग्राम कराने से कैंसर फैल सकता है।
सच्चाई: यह एक मिथक है। मैमोग्राम से कैंसर की शुरुआती पहचान संभव होती है।
7. मिथक: ज्यादा चीनी खाने से कैंसर बढ़ता है।
सच्चाई: कोई प्रमाण नहीं है कि चीनी सीधे कैंसर का कारण बनती है, लेकिन मोटापा जोखिम बढ़ा सकता है।
8. मिथक: ब्रेस्ट कैंसर हमेशा गांठ के रूप में दिखता है।
सच्चाई: कभी-कभी त्वचा में बदलाव, सूजन या निप्पल से स्राव जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
9. मिथक: ब्रेस्ट कैंसर संक्रामक होता है।
सच्चाई: यह पूरी तरह झूठ है। यह बीमारी किसी से फैलती नहीं है।
10. मिथक: अगर आप फिट हैं तो आपको कैंसर नहीं होगा।
सच्चाई: स्वस्थ जीवनशैली जोखिम को घटा सकती है, लेकिन पूरी सुरक्षा की गारंटी नहीं देती।
निष्कर्ष:
ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक रहें, नियमित जांच कराएं और किसी भी बदलाव को नज़रअंदाज़ न करें। सही जानकारी ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी लक्षण की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।