रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और इससे पहले प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सत्र से पहले रविवार को नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निवास पर बीजेपी विधायक दल की अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आगामी सत्र को लेकर विपक्ष की घेराबंदी के जवाब में पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि, “हमारी सरकार सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है। विपक्ष जो भी मुद्दे उठाएगा, उसका हम तथ्यों के साथ जवाब देंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि 14 से 18 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में कुल पांच बैठकें आयोजित की जाएंगी।
जनहित के मुद्दों पर सरकार का फोकस
सीएम साय ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जनता के हित में लगातार कार्य कर रही है और विपक्ष द्वारा उठाए गए हर सवाल का ईमानदारी से जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही की नीति पर चल रही है।
खाद और बीज की कमी पर सफाई
खाद और बीज की कमी को लेकर विपक्ष द्वारा तैयार की जा रही रणनीति पर मुख्यमंत्री साय ने कहा, “डीएपी खाद की कमी केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है, यह एक राष्ट्रीय स्तर की समस्या है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आयात प्रभावित हुआ है। हालांकि, राज्य सरकार एनपीके खाद को विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रही है ताकि किसानों को राहत मिल सके।”
विपक्ष आ सकता है आक्रामक तेवर में
विधानसभा सत्र के दौरान खाद-बीज संकट, किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विपक्ष के आक्रामक रुख की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री की अगुवाई में भाजपा सरकार ने पूरी रणनीति के साथ विपक्ष को घेरने और जवाब देने की तैयारी कर ली है।
यह मानसून सत्र न केवल विधायी कार्यों के लिहाज से महत्वपूर्ण रहने वाला है, बल्कि सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक टकराव भी देखने को मिल सकता है।