बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रमतला की विजेता रामसनेही उर्फ अन्नू कोरी ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, धैर्य और कौशल से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। साधारण परिवार से आने वाली विजेता ने रेशम उत्पादन और कोसा बीज निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार को आर्थिक संबल दिया बल्कि पूरे क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं।

विजेता ने एक माह में 12 हजार कोसा बीज का उत्पादन कर रिकॉर्ड बनाया, जिससे उन्हें 40 हजार रुपये की आमदनी हुई। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें हाल ही में कोरबा जिले के पाली विकासखंड के ग्राम डोंगानाला में आयोजित कार्यक्रम “मेरा रेशम, मेरा अभिमान” में केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा विशेष सम्मान से नवाजा गया। उन्हें यह सम्मान बोर्ड के निदेशक डॉ. एन.बी. चौधरी, बिलासपुर के डॉ. नरेंद्र कुमार भाटिया और सी.एस. लोन्हारे के हाथों प्राप्त हुआ।

पिछले 10 वर्षों से रमतला रेशम अनुसंधान एवं विकास केंद्र से जुड़ी विजेता ने केंद्र से प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन लेकर धीरे-धीरे रेशम उत्पादन की बारीकियों को सीखा। उन्होंने बताया कि कोसा बीज उत्पादन की प्रक्रिया कठिन और श्रमसाध्य है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। मौसम के अनुकूल वर्ष में तीन से चार बार उत्पादन संभव है।
आजीविका सशक्त करने के साथ ही विजेता कोरी ने अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य गढ़ा है। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का घर, महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह 1000 रुपये, श्रम विभाग की बीमा योजना, बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और बिहान योजना के अंतर्गत मछली पालन जैसी गतिविधियों का लाभ मिल रहा है।

विजेता ने कहा – “सरकार की मदद और केंद्रीय रेशम बोर्ड के तकनीकी मार्गदर्शन से मैंने अपने जीवन को बेहतर बनाया है। आज मैं आत्मनिर्भर हूं और अपने परिवार को सुरक्षित भविष्य दे पा रही हूं। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की आभारी हूं।”