जर्मनी की दिग्गज ऑटोमेकर कंपनी Volkswagen ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने मंगलवार को वोल्फ्सबर्ग स्थित मुख्यालय में आयोजित वर्क्स काउंसिल की बैठक में घोषणा की कि 2030 तक 35,000 कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।
Volkswagen के मानव संसाधन प्रमुख गुन्नार किलियन ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनी के संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। कंपनी का मानना है कि इससे उत्पादन लागत को नियंत्रित करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहने में मदद मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह छंटनी योजना कंपनी के व्यापक पुनर्गठन का हिस्सा है। इलेक्ट्रिक और डिजिटल वाहनों के बढ़ते बाजार में खुद को बनाए रखने के लिए Volkswagen ने यह निर्णय लिया है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हम भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं और संचालन को और अधिक कुशल बनाने के लिए यह आवश्यक कदम है।”
हालांकि, इस घोषणा के बाद कर्मचारियों में चिंता का माहौल है। यूनियनों ने इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए उचित मुआवजे की मांग की है।
Volkswagen के इस फैसले का असर जर्मनी समेत दुनिया भर के ऑटो उद्योग पर भी पड़ सकता है।