Sheikh Hasina : ढाका। बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा भूचाल लाने वाला फैसला सामने आया है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ ट्रायल्स (ICT) ने जुलाई विद्रोह के दौरान नागरिकों पर गोलीबारी करवाने के आरोप में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने माना कि आंदोलन के दौरान भीड़ पर गोलियां चलाने का सीधा आदेश स्वयं हसीना ने दिया था, जिसके कारण बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिकों की मौत हुई।
छह भागों में जारी हुआ 400 पन्नों का फैसला
जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी ने एक विस्तृत 400 पन्नों का आदेश जारी किया। ट्रिब्यूनल ने कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट, वीडियो सबूत, गवाहों के बयान और फॉरेंसिक सामग्री का अध्ययन कर हसीना को दोषी पाया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जनवरी 2024 के बाद शेख हसीना की शासन शैली लगातार दमनकारी होती गई। 2024 के चुनावों में विपक्ष को दबाया गया और बाद में जब छात्र आंदोलन शुरू हुआ तो सुरक्षा बलों को अत्यधिक बल प्रयोग का निर्देश दिया गया।

शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हेलीकॉप्टर से बम गिराने का आरोप
ट्रिब्यूनल के अनुसार, शेख हसीना ने सिर्फ फायरिंग ही नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हेलीकॉप्टर से बम गिराने का आदेश भी दिया था। फैसले में यह भी दर्ज है कि अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व की जानकारी में सड़क पर उतरकर विरोधियों पर योजनाबद्ध हमले किए।
जांच रिपोर्ट के अनुसार जुलाई विद्रोह के दौरान लगभग 1,400 लोगों की हत्या हुई, जबकि 11,000 से अधिक नागरिकों को हिरासत में लिया गया। संयुक्त राष्ट्र की कई रिपोर्टों में भी दर्ज है कि हिरासत में लिए गए लोगों को यातनाएं दी गईं।
वीडियो सबूतों ने बदला केस का रुख
ट्रिब्यूनल ने बताया कि बड़ी मात्रा में वीडियो फुटेज जब्त किए गए, जिनमें सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाते हुए देखा गया। कई क्लिप्स यूट्यूब पर भी प्रसारित हुए थे। एक अहम गवाह जिसका चेहरा गोलीबारी में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुआ ने अदालत में बताया कि भीड़ पर गोली चलाने का आदेश सीधे “ऊपर” से आया था।
फैसले से पहले वीडियो संदेश में आरोपों से इनकार
निर्णय से कुछ घंटे पहले शेख हसीना ने अपने समर्थकों को वीडियो संदेश भेजकर पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताता हुआ कहा था कि “जो भी फैसला आए, मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।” हालांकि कोर्ट ने सभी आरोपों को सबूतों के आधार पर सही माना।
देश में हाई अलर्ट, ढाका में कड़ी सुरक्षा
फैसले के बाद बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है। सरकार ने पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। ढाका में 15,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिन्हें उपद्रव की स्थिति में गोली चलाने की अनुमति भी दी गई है। शनिवार देर रात उपद्रवियों ने राजधानी में दो बसों को आग के हवाले कर दिया। हालात बिगड़ने से पहले ही सुरक्षा प्रबंधन को और कड़ा किया जा चुका है।
