चीन ने बुधवार को आयोजित भव्य सैन्य परेड में अपने कई उन्नत हथियारों और मिसाइल प्रणालियों का प्रदर्शन किया। इस दौरान सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करने वाली हथियार प्रणाली रही अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल DF-5C, जिसे चीन की “वैश्विक कवरेज वाली रणनीतिक मिसाइल” कहा गया है। दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल 20,000 किलोमीटर दूर तक किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
DF-5C की खासियत इसकी मल्टीपल वारहेड क्षमता है, जो इसे और खतरनाक बनाती है। चीन का यह दावा कि उसके पास ज़मीन, समुद्र और हवा से दागी जाने वाली मिसाइलों का पूरा “न्यूक्लियर ट्रायड” मौजूद है, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन को लेकर गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
हाइपरसोनिक मिसाइलों का प्रदर्शन
परेड में चीन ने नौसैनिक शक्ति का संकेत देते हुए YJ-19, YJ-17 और YJ-20 हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलें भी प्रदर्शित कीं। ये जहाज़ों, पनडुब्बियों और विमानों से दागी जा सकती हैं और अपनी गति व लचीलापन के कारण किसी भी नौसैनिक बेड़े के लिए गंभीर चुनौती पेश करती हैं।
ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक
PLA ने परेड में विभिन्न प्रकार के ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम भी दिखाए। इनमें सशस्त्र टोही ड्रोन, विंगमैन ड्रोन, वायु श्रेष्ठता ड्रोन और समुद्री ड्रोन शामिल थे। ये प्रणालियाँ न केवल गुप्त हमले कर सकती हैं, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर-युद्ध से लैस होकर भविष्य के युद्ध की दिशा भी तय कर सकती हैं।
परेड में प्रदर्शित लेज़र और माइक्रोवेव आधारित एंटी-ड्रोन हथियार इस ओर संकेत देते हैं कि चीन निर्देशित-ऊर्जा हथियारों पर भी तेज़ी से काम कर रहा है।
वैश्विक चिंताएँ
हालाँकि चीन ने इन हथियारों की वास्तविक क्षमताओं और मारक क्षमता का आधिकारिक खुलासा नहीं किया है, लेकिन इनके प्रदर्शन ने पड़ोसी देशों से लेकर पश्चिमी शक्तियों तक की सुरक्षा चिंताओं को और गहरा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की इन उन्नत प्रणालियों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक प्रतिस्पर्धा को और अधिक तीव्र कर दिया है।