सीतामढ़ी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के सीतामढ़ी जिले स्थित पुनौरा धाम में माता सीता के भव्य जानकी मंदिर की आधारशिला रखी। इस ऐतिहासिक मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी उपस्थित थे। ₹882 करोड़ की लागत से बनने वाला यह मंदिर माता सीता की जन्मस्थली को नई पहचान देगा और बिहार के धार्मिक एवं सांस्कृतिक मानचित्र पर इसे एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करेगा।
विधि-विधान से भूमि पूजन और धार्मिक अनुष्ठान
पुनौरा धाम, जिसे माता सीता की जन्मस्थली के रूप में पूजा जाता है, इस अवसर पर विशेष रूप से सजाया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे विधि-विधान के साथ मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के बीच मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने माता सीता के प्रति अपनी गहरी आस्था और श्रद्धा व्यक्त की। मिथिला की महिलाओं ने मैथिली लोकगीतों के माध्यम से माता सीता की जन्म कथा और उनसे जुड़ी लोककथाओं को जीवित किया, जिसने समूचे वातावरण को भक्ति और सांस्कृतिक उल्लास से भर दिया।
67 एकड़ में बनेगा भव्य मंदिर परिसर
इस ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण 67 एकड़ के विशाल क्षेत्र में किया जाएगा। इस परियोजना को 11 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मंदिर परिसर में माता सीता से जुड़े पौराणिक और ऐतिहासिक तथ्यों को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह मंदिर न केवल एक धार्मिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा, बल्कि बिहार के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
अयोध्या के बाद सीतामढ़ी की धार्मिक पहचान
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के बाद अब माता सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम का पुनरुद्धार बिहार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह परियोजना भारतीय जनता पार्टी (BJP) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की जनता के लिए एक सांस्कृतिक और धार्मिक उपहार के रूप में प्रस्तुत की जा रही है। यह मंदिर मिथिला क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विश्व भर में फैलाने में मदद करेगा।
मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव
इस शिलान्यास समारोह में मिथिला की महिलाओं ने अपनी पारंपरिक कला और लोकगीतों के माध्यम से माता सीता के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। उनके गीतों में माता सीता के जन्म और उनके जीवन से जुड़ी कहानियां जीवंत हो उठीं, जिसने इस समारोह को और भी खास बना दिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मिथिला की सांस्कृतिक पहचान को भी राष्ट्रीय मंच पर उजागर करने का अवसर बना है।
बिहार के लिए ऐतिहासिक कदम
यह मंदिर परियोजना बिहार के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि यह मंदिर माता सीता की जन्मस्थली को विश्व स्तर पर एक नई पहचान देगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना को बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।