मुंबई : कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फिलहाल रोक बरकरार रखी है और केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ताओं को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पांच सदस्यीय समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों की प्रति सौंपे। अगली सुनवाई अब 24 जुलाई को होगी, जब फिल्म के भविष्य को लेकर कोई अहम फैसला आ सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित जांच समिति ने फिल्म में छह बड़े बदलावों की सिफारिश की है। इनमें डिस्क्लेमर में संशोधन, कुछ वॉयसओवर जोड़ने, क्रेडिट फ्रेम हटाने जैसे तकनीकी बदलाव शामिल हैं। साथ ही फिल्म में सऊदी अरब की पगड़ी से जुड़ा एआई जनरेटेड दृश्य हटाने की बात कही गई है। नूपुर शर्मा के प्रतीकात्मक नाम ‘नूतन शर्मा’ को बदलने और उनके डायलॉग “मैंने तो वही कहा है जो उनके धर्म ग्रंथों में लिखा है” को हटाने की भी सिफारिश की गई है।
इसके अतिरिक्त, बलूची समुदाय से जुड़े संवाद जैसे “हाफिज, बलूची कभी वफादार नहीं होता” और “क्या बलूची, क्या अफगानी, क्या हिंदुस्तानी, क्या पाकिस्तानी” को आपत्तिजनक मानते हुए हटाने को कहा गया है।
‘उदयपुर फाइल्स’ वर्ष 2022 में दर्जी कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी मुख्य भूमिकाओं में हैं। 11 जुलाई को रिलीज की प्रस्तावित तारीख से पहले ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि फिल्म का कंटेंट सांप्रदायिक तनाव को भड़का सकता है। अब सेंसर बोर्ड के सुझावों और सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई पर फिल्म की किस्मत टिकी है।