नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित केंद्रीय कैबिनेट बैठक में देश के विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों की दिशा में कई ऐतिहासिक और दूरगामी फैसले लिए गए। इन निर्णयों में बुनियादी ढांचे के विस्तार से लेकर कृषि सशक्तिकरण, ऊर्जा सुरक्षा, और लोकतंत्र की गरिमा को रेखांकित करने वाले प्रस्ताव शामिल हैं।
बैठक में सबसे पहले उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सिंगना क्षेत्र में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) के दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई। इस केंद्र पर 111.5 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और यह आलू व शकरकंद की उन्नत किस्मों के विकास, कीट प्रबंधन, आधुनिक प्रसंस्करण तकनीकों और किसानों के प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में कार्य करेगा। इसका उद्देश्य न केवल टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है, बल्कि किसानों की आय में दीर्घकालिक वृद्धि सुनिश्चित करना भी है।

दूसरा अहम फैसला पुणे मेट्रो रेल परियोजना के फेज-2 को लेकर किया गया। इस चरण के अंतर्गत वनज से चांदनी चौक और रामवाड़ी से वाघोली तक कुल 12.75 किमी लंबाई के दो एलिवेटेड कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे, जिन पर 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। इस परियोजना को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे पुणे के तेजी से विकसित होते उपनगरों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी मिलेगी और शहरी यातायात दबाव में कमी आएगी।
तीसरे प्रमुख निर्णय में झारखंड के झरिया कोल फील्ड क्षेत्र के लिए 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई है। यह क्षेत्र वर्षों से भूमिगत आग और विस्थापन की गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। नई योजना के तहत प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, रोजगार सृजन और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसे देश की सबसे बड़ी कोल-बेस्ड पुनर्वास योजनाओं में से एक माना जा रहा है।

इसके अलावा, आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कैबिनेट ने एक विशेष प्रस्ताव पारित किया, जिसमें 1975 में लगे आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया गया। बैठक के दौरान लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मौके को भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट संघर्ष की याद के रूप में बताया।
इन सभी फैसलों से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार आर्थिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक विकास के हर पहलू को समान रूप से प्राथमिकता दे रही है। ये निर्णय आने वाले समय में देश को और अधिक सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।