इजरायल ने जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और उनके 11 साथियों को उस वक्त हिरासत में ले लिया जब वे ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन’ के जहाज ‘मैडलीन’ के जरिए गाजा पट्टी में मानवीय राहत सामग्री लेकर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। इजरायल रक्षा बल (IDF) ने समुद्र में ही इस जहाज को रोककर उस पर ‘अवैध कब्जा’ कर लिया।
इस जहाज में शिशु फॉर्मूला, खाद्य सामग्री और दवाइयां थीं, जो गाजा के भूख से जूझ रहे नागरिकों के लिए भेजी जा रही थीं। फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन ने आरोप लगाया कि इजरायल ने जहाज पर सवार निहत्थे असैन्य चालक दल और सामाजिक कार्यकर्ताओं का अपहरण कर लिया है और राहत सामग्री भी जब्त कर ली है। इस घटना से कुछ दिन पहले ही, इसी तरह की कोशिश माल्टा के समुद्री क्षेत्र में नाकाम हुई थी, जब ड्रोन हमले से एक जहाज को नष्ट कर दिया गया था।
ग्रेटा थनबर्ग ने एक पूर्व रिकॉर्डेड संदेश में कहा, “हम चाहे कितनी भी मुश्किलों में क्यों न हों, हमें कोशिश करना जारी रखना चाहिए। अगर हम प्रयास करना बंद कर देंगे तो हम अपनी मानवता खो देंगे।” इस घटना को लेकर इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ‘जनसंपर्क हथकंडा’ है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “सेलिब्रिटी सेल्फी जहाज सुरक्षित रूप से इजरायल के तट पर पहुंच रहा है। यात्री अपने-अपने देश लौट जाएंगे और सहायता गाजा में स्थापित माध्यमों से पहुंचाई जाएगी।”
इस जहाज पर यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी सदस्य रीमा हसन भी मौजूद थीं। जहाज पर सवार सभी लोग सिसिली से रवाना हुए थे और रास्ते में लीबिया के तट के पास चार प्रवासियों को भी बचाया था। इजरायली सैनिकों द्वारा राहतकर्मियों को लाइफ जैकेट पहनाकर भोजन और पानी दिए जाने के दृश्य भी साझा किए गए हैं।
गौरतलब है कि गाजा पट्टी में इजरायल की नाकेबंदी के चलते खाद्य सामग्री और अन्य जरूरतों का संकट गहराता जा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीच इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवीय सहायता को लेकर बहस छेड़ दी है।