भिलाई/कचादुर: चंदूलाल चंद्राकर स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय को ग्राम कचादुर में लगभग 50 एकड़ शासकीय भूमि आवंटित किए जाने के फैसले का ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण दुर्ग तहसील कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि चारागाह, तालाब, गौठान और स्कूल जैसे सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित है।
ग्रामीणों ने बताया कि जिन खसरों की भूमि मेडिकल कॉलेज के लिए चिन्हित की गई है, उनमें से कुछ पर पहले से ही गौठान, विद्यालय और पौधरोपण कार्य हो चुके हैं। खसरा नंबर 767 (2.440 हेक्टेयर), 776 (1.66 हेक्टेयर), 1003 (4.630 हेक्टेयर), 1062 (3.400 हेक्टेयर) और 1065 (7.780 हेक्टेयर) समेत कुल लगभग 50 एकड़ भूमि शामिल है।
गांव के लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र बरसात के पानी का एकत्रीकरण स्थल है, जिससे गांव का जलस्तर बना रहता है। किसान इसी पानी से सिंचाई करते हैं और यह कृषि अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा, तालाब और चारागाह की भूमि पशुपालन व निस्तारी कार्यों में भी उपयोग होती है।
ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित ग्रामसभा में इस भूमि आवंटन का विरोध किया गया था और 130 से अधिक ग्रामीणों ने अपनी व्यक्तिगत आपत्तियां भी दर्ज कराईं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिना सूचना या सहमति के सीधे भूमि आवंटित कर दी, जबकि नियम अनुसार पहले इश्तहार जारी कर ग्रामवासियों से आपत्तियां मांगी जानी चाहिए थीं।
ग्रामीणों की मांग है कि मेडिकल कॉलेज के लिए अन्य वैकल्पिक भूमि चिन्हित की जाए ताकि गांव की पारंपरिक संसाधनों और कृषि व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।