नई दिल्ली। 5G की सफलता के बाद अब भारत ने 6G तकनीक की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने हाल ही में आयोजित BHARAT 6G 2025 कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि सरकार ने 6G तकनीक के विकास को लेकर कमर कस ली है। इस दिशा में 111 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है, और 300 करोड़ रुपये का फंड भी जारी कर दिया गया है।
भारत बना टॉप 6 पेटेंट फाइलर
6G टेक्नोलॉजी के रिसर्च और पेटेंट फाइलिंग में भी भारत ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। भारत अब 6G पेटेंट फाइल करने वाले शीर्ष 6 देशों में शामिल हो गया है, जो इस क्षेत्र में देश की बढ़ती तकनीकी ताकत को दर्शाता है।

6G की स्पीड और तकनीक
मंत्री के मुताबिक, 6G नेटवर्क टेराहर्ट्ज़ फ्रीक्वेंसी बैंड पर आधारित होगा, जिससे स्पीड 1 टेराबिट प्रति सेकंड तक पहुंच सकती है। यह 5G से करीब 100 गुना तेज़ होगा। इसका मतलब है कि अब बड़ी से बड़ी फाइलें महज चंद सेकेंड्स में डाउनलोड हो सकेंगी। यूज़र्स को इंटरनेट, वीडियो स्ट्रीमिंग, वीडियो कॉलिंग और OTT पर मूवी देखने में कभी भी स्लो स्पीड की शिकायत नहीं होगी।
भारत बनेगा 6G में ग्लोबल लीडर
सरकार का मानना है कि भारत में मौजूद प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की बदौलत देश 6G तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है। मंत्री पेम्मासानी ने कहा कि, “हमारे पास रिसर्च, इनोवेशन और विकास के लिए पर्याप्त समय है। भारत का लक्ष्य न केवल तकनीक में आत्मनिर्भर बनना है, बल्कि अन्य देशों को भी तकनीक मुहैया कराना है।”

आर्थिक बदलाव की उम्मीद
सरकार का अनुमान है कि 6G टेक्नोलॉजी के जरिए 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में करीब 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हो सकती है। इससे न सिर्फ मौजूदा उद्योगों को नई रफ्तार मिलेगी, बल्कि नई इंडस्ट्रीज और स्टार्टअप्स का भी जन्म होगा।
आम जनता को कब मिलेगी 6G सर्विस?
हालांकि अभी 6G नेटवर्क के आम उपयोग के लिए कोई निश्चित तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन सरकार की योजना के अनुसार, 2030 तक 6G सेवाओं के रोलआउट की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल, भारत में Jio और Airtel की अगुवाई में 5G नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है, और Vodafone Idea भी इसमें अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
